Income Tax Return : वित्त वर्ष 2021-22 या आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की डेडलाइन इस महीने समाप्त हो जाएगी. अगर आपने अभी तक अपना आईटीआर दाखिल नहीं किया है, तो जल्दी करें. कहीं ऐसा न हो कि आखिरी डेट के इंतजार में आईटीआर दाखिल न करें और फिर आपको भारी नुकसान का सामना करना पड़ जाए. हालांकि, केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से आइटीआर फाइल करने के लिए सोशल साइटों के जरिए करदाताओं को आखिरी डेट के बारे में जानकारी दे दी जाती है. इसके साथ ही, आखिरी डेट के बाद फाइलिंग पर होने वाले नुकसान के बारे में भी जानकारी मुहैया कराई जाती है.
आयकर विभाग की ओर से आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2022 निर्धारित की गई है. इस डेट तक आयकरदाता वित्त वर्ष 2021-22 या आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. आयकर विभाग की ओर से निर्धारित इस डेट के बाद आईटीआर दाखिल करने के बाद जुर्माने का भी भुगतान करना पड़ सकता है. हालांकि, आयकरदाताओं की सुविधा के लिए विभाग की ओर से आखिरी तारीख में बढ़ोतरी भी की जाती है, लेकिन यह कोई आवश्यक नहीं है कि बीते दो साल जैसा इस साल भी आखिरी डेट में बढ़ोतरी की ही जाए. कोरोना महामारी की वजह से आईटीआर दाखिल करने की आखरी तारीख में बढ़ोतरी की गई थी.
आज महंगाई के इस दौर में नौकरी-पेशा आदमी अपने रोजमर्रा के खर्च और भविष्य की बचत के लिए वेतन के अलावा कई अन्य स्रोतों से भी आमदनी करते हैं. किसी को वेतन के अलावा मकान के किराए से आमदनी होती है, तो किसी को बचत के लिए जमा कराई गई रकम,म्यूचुअल फंड या शेयरों से भी कमाई होती है. आयकर विभाग वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से होने वाली आमदनी पर भी टैक्स की वसूली करता है. आयकर कानून के अनुसार, टैक्स योग्य आमदनी को पांच भागों में विभाजित किया गया है. इनमें वेतन से होने वाली आमदनी, मकान के किराए से होने वाली कमाई, पूंजीगत लाभ (बचत योजना पर ब्याज, म्यूचुअल फंड और शेयर से होने वाला लाभ), कारोबार से होने वाली कमाई और अन्य स्रोतों से होने वाला आय शामिल हैं. वेतन से होने वाली आमदनी पर आईटीआर दाखिल करने में ज्यादा कठिनाई नहीं होती है. वेतनभोगी फॉर्म-16 भरने के बाद आईटीआर दाखिल कर सकते हैं.
कई लोग नौकरी के अलावा अन्य स्रोतों से भी कमाई करते हैं. कारोबार या पेशे से होने वाली आमदनी पर उसकी श्रेणी के बारे में बताना जरूरी होता है. अन्य स्रोतों से होने वाली आमदनी में बैंक खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट, बीमा कंपनी से मिलने वाली पेंशन, शेयर और म्यूचुअल फंडों से मिलने वाले लाभांश शामिल हैं. कुल टैक्स योग्य रकम का पता लगाने के बाद आप 80सी और 80डी के तहत टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है.
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अभी करदाआतों को नई और पुरानी व्यवस्था के तहत आईटीआर दाखिल करने की छूट दी जा रही है. सरकार की नई व्यवस्था के तहत आईटीआर दाखिल करने पर आयकरदाताओं को 70 प्रकार की छूट के लाभ से वंचित हो जाना पड़ता है. वहीं, पुरानी व्यवस्था के तहत आईटीआर भरने पर उन्हें छूट का लाभ दिया जाता है. अपनी कुल आमदनी का पता लगाने के बाद यह तय किया जा सकता है कि आप किस व्यवस्था के तहत आईटीआर दाखिल करें कि आपको छूट का लाभ मिल सकेगा.
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