ITR Filing : आयकरदाताओं इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना हुआ आसान, सीबीडीटी ने फॉर्म 26एएस में किया ये बदलाव…
Form 26AS, ITR Filing : अगर आप इनकम टैक्सपेयर (Income taxpayer) हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है और वह यह है कि अब आप पहले से कहीं अधिक आसान तरीके से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filing) दाखिल कर सकते हैं. ऐसा तभी संभव हो सका है, जब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) फॉर्म 26 एएस (Form 26AS) में बदलाव (Changing) किया है. सीबीडीटी ने कहा है कि नए फॉर्म 26 एएस के जरिए आयकरदाता और अधिक आसानी और सटीक तरीके से अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर पाएंगे. इस आकलन वर्ष (Assessment year) से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को नया 26AS फॉर्म उपलब्ध होगा, जिसमें उनकी वित्तीय लेनदेन की अतिरिक्त जानकारियां होंगी और जिनका विभिन्न श्रेणियों (Categories) के वित्तीय लेनदेन (SFT) में जिक्र होता है. आयकर विभाग द्वारा इन एसएफटी से प्राप्त जानकारी को फॉर्म 26 एएस के पार्ट ई (Part-E) में दिखाया जा रहा है.
Form 26AS, ITR Filing : अगर आप इनकम टैक्सपेयर (Income taxpayer) हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है और वह यह है कि अब आप पहले से कहीं अधिक आसान तरीके से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filing) दाखिल कर सकते हैं. ऐसा तभी संभव हो सका है, जब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) फॉर्म 26 एएस (Form 26AS) में बदलाव (Changing) किया है. सीबीडीटी ने कहा है कि नए फॉर्म 26 एएस के जरिए आयकरदाता और अधिक आसानी और सटीक तरीके से अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर पाएंगे. इस आकलन वर्ष (Assessment year) से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को नया 26AS फॉर्म उपलब्ध होगा, जिसमें उनकी वित्तीय लेनदेन की अतिरिक्त जानकारियां होंगी और जिनका विभिन्न श्रेणियों (Categories) के वित्तीय लेनदेन (SFT) में जिक्र होता है. आयकर विभाग द्वारा इन एसएफटी से प्राप्त जानकारी को फॉर्म 26 एएस के पार्ट ई (Part-E) में दिखाया जा रहा है.
सीबीडीटी प्रवक्ता ने कहा कि इससे टैक्सपेयर्स अपने टैक्स की ठीक से गणना करने के साथ ही बेहतर अनुभव महसूस कर पाएंगे. इससे टैक्स प्रशासन में पारदर्शिता आने के साथ जवाबदेही भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि पहले फॉर्म 26 एएस में किसी पैन कार्ड से जुड़े टीडीएस और टीसीएस की जानकारी के अलावा कुछ अन्य टैक्स की सूचना होती थी, लेकिन अब इसमें एसएफटी होगी, ताकि टैक्सपेयर्स को सभी बड़े वित्तीय लेनदेन को याद रखने में मदद मिल सके और रिटर्न दाखिल करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो सकेगी.
उन्होंने यह भी कहा कि आयकर विभाग को नकदी जमा, नकदी निकासी, चल-अचल संपत्ति बिक्री, क्रेडिट कार्ड का भुगतान, शेयरों की खरीद, म्यूचुअल फंड्स, शेयर बायबैक, सामानों और सेवाओं के लिए नकदी भुगतान आदि की जानकारी बैंक, म्यूचुअल फंड्स, बॉन्ड्स जारी करने वाले संस्थाओं और रजिस्ट्रार आदि से अधिक मूल्य के वित्तीय लेनदेन की जानकारी 2016 से मिल रही है. अब यह सारी जानकारी फॉर्म 26 एएस में दिखाई देगी. फॉर्म 26 एएस के पार्ट ई में लेनदेन के प्रकार, एसएफटी फिलर का नाम, लेनदेन की तारीख, राशि, मोड ऑफ पेंमेंट आदि की पूरी जानकारी मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे ईमानदार टैक्सपेयर्स को रिटर्न दाखिल करने में आसानी होगी, तो उन रिटर्न फाइल करते समय जानकारी छिपाने वालों को ऐसा करने से रोका भी जा सकता है.
क्या है फॉर्म 26 एएस
यह आपका सालाना टैक्स स्टेटमेंट है. आप अपने पैन नंबर की मदद से इसे इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट से निकाल सकते हैं. अगर आपने अपनी आमदनी पर टैक्स चुकाया है या आपको हुई कमाई पर किसी व्यक्ति/संस्था ने टैक्स काटा है तो उसका जिक्र भी आपको फॉर्म 26 एएस में मिल जाता है. आप अपनी आमदनी और टैक्स के बारे में फॉर्म 26 एएस की मदद से सही स्थिति जान सकते हैं. इसके साथ ही आपके फॉर्म 26 एएस में टैक्स काटने वाले व्यक्ति/संस्था का नाम, टैन नंबर और टैक्स की रकम आदि का भी जिक्र होता है.
चुकता टैक्स और टैक्स रिफंड का विवरण
फॉर्म 26AS में न सिर्फ आपके सरकार को चुकाए गए कर की जानकारी होती है, बल्कि अगर आपने अधिक टैक्स चुका दिया है और आप उसका रिफंड फाइल करना चाहते हैं तो इस बारे में भी उसमें जिक्र होता है. अगर आपको किसी वित्त वर्ष में आयकर रिफंड मिला है तो इसमें उसका भी विवरण होता है. बतौर, कर्मचारी आपको समय-समय पर ट्रेसेज (TRACES) की वेबसाइट पर फॉर्म 26 एएस की जांच करने की जरूरत है. अगर आपका टीडीएस से पैन नंबर जुड़ा हुआ है, तो आप इस वेबसाइट पर टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट देख सकते हैं. ट्रेसेस की वेबसाइट पर यह सुविधा मुफ्त उपलब्ध है.
अचल संपत्ति की बिक्री पर टैक्स कटौती
अगर आप कोई अचल संपत्ति बेच रहे हैं तो यह खरीदार की जिम्मेदारी है कि वह जमीन/घर की कीमत का एक हिस्सा टैक्स के रूप में काटे और उसे सरकार के पास जमा कराये. आपको इसके बदले वह एक रसीद देता है. यह विवरण भी आपके फॉर्म 26 एएस में होता है. टैक्स की रकम को काटकर उसे निर्धारित समय में सरकार के पास जमा कराया जाता है. इसका जिक्र भी आपके फॉर्म 26 एएस में होता है.
अधिक कीमत के लेनदेन का विवरण
इसके अलावा, अगर आपने बैंक या किसी वित्तीय संस्थान से हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन किया है, तो वे संस्थान अपने सालाना सूचना रिपोर्ट में सरकार को इसकी जानकारी देते हैं. आपके फॉर्म 26 एएस में यह ब्योरा भी लिखा होता है. अगर आपने म्यूचुअल फंड में बड़ी रकम का निवेश किया है या संपत्ति खरीदी है या फिर कॉरपोरेट बॉन्ड में बड़ा निवेश किया है, तो इन सबका विवरण फॉर्म 26 एएस में होता है.
एडवांस टैक्स का ब्योरा
अगर आपने किसी वित्त वर्ष में सरकार को एडवांस टैक्स चुकाया है, तो इसका जिक्र भी फॉर्म 26 एएस में किया जाता है.
भुगतान किए गए टैक्स का विवरण
सरल शब्दों में कहें, तो फॉर्म 26 एएस आपके हर तरह के टैक्स का सालाना स्टेटमेंट है. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त आप एक जगह अपने सभी टैक्स का विवरण देख सकते हैं. फॉर्म 26 एएस काटे गए टीडीएस का विवरण होता है. यह किसी व्यक्ति की आमदनी और कॉरेस्पोंडिंग इनकम के लिए जारी किया जाता है.
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Posted By : Vishwat Sen
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