ITR Filing: आयकर रिटर्न दाखिल (ITR Filing) करने के लिए अब कुछ ही दिन बचे हुए हैं. 31 जुलाई 2024 की रात 12 बजे आईटीआर दाखिल करने का मौका खत्म हो जाएगा. इसके बाद आईटीआर दाखिल करने का चांस नहीं मिलेगा. केवल आईटीआर (ITR) फाइल कर देने भर से ही काम नहीं चलता. आयकर नियमों (Income Tax Rules) के अनुसार, आईटीआर दाखिल करने के बाद उसे वेरिफाई यानी सत्यापित करना भी जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार आईटीआर दाखिल करने वालों पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है. इसके लिए भी आयकर विभाग की ओर से दिन निर्धारित किया गया है.
कितने दिन में आईटीआर वेरिफाई करना पड़ता है?
आयकर अधिनियम के अनुसार, कोई भी आयकरदाता सभी जरूरी दस्तावेज इकट्ठा करके जब आईटीआर फाइल करता है, तो आयकर विभाग की ओर से उसे वेरिफाई करने के लिए 30 दिनों का समय दिया जाता है. इसके लिए आयकर विभाग ने पहले ही आयकरदाताओं को इस बात की जानकारी दे दी है कि आईटीआर फाइल करने के 30 दिनों के अंदर उसे वेरिफाई करना जरूरी है. इसके लिए आयकर विभाग की ओर से आयकरदाताओं को ईमेल और एसएमएस के जरिए सूचना भी दी जाती है.
आईटीआर को वेरिफाई कैसे किया जाता है?
आईटीआर दाखिल करने के बाद आईटीआर को आधार नंबर आधारित ओटीपी, नेट बैंकिंग, वैध बैंक खाता और डीमैट खाता के ई-वेरिफाई किया जाता है. कोई आयकरदाता अगर ऑनलाइन वेरिफाई करने में असहज महसूस करता है, तो वह आईटीआर-वी फॉर्म भरकर डाक विभाग के जरिए रजिस्ट्री डाक या स्पीड पोस्ट और कूरियर के जरिए बेंगलुरु स्थित आयकर विभाग के केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) को भी भेज सकते हैं. हालांकि, डाक विभाग की रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट और कूरियर के जरिए भेजे गए फॉर्म को पहुंचने में देर भी हो सकती है. ऐसे में आईटीआर को ई-वरिफाई करना अधिक फायदेमंद होता है. आयकरदाता आधार के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी या आपके पूर्व-वैलिड बैंक खाते के जरिये जेनरेट ईवीसी या आपके पूर्व-वैलिड डीमैट खाते के जरिये जेनरेट ईवीसी या एटीएम (ऑफलाइन विधि) के जरिये ईवीसी या नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर के जरिये वेरिफाई कर सकते हैं.
आईटीआर वेरिफाई नहीं करने पर कितना जुर्माना लगता है?
आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक, आईटीआर दाखिल करने 30 दिन बीत चुके हैं, तो आईटीआर दाखिल करने वाले दिन को वेरिफिकेशन की पहली तारीख मानी जाएगी. देर से वेरिफिकेशन करने पर आयकर की धारा 234एफ के तहत लेट फाइन का भुगतान करना पड़ेगा. द मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2024 की सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) अधिसूचना संख्या 2/2024 के अनुसार, वेरिफिकेशन में देर करने पर दूसरे परिणाम भुगतने होंगे. आयकर विभाग वेरिफिकेशन पर देर होने पर 5 लाख रुपये तक की कुल आय के लिए 1,000 रुपये और 5 लाख रुपये से अधिक की कुल आय के लिए 5,000 रुपये लेट फाइन का भुगतान करना पड़ेगा. इसका अर्थ यह हुआ कि आईटीआर वेरिफिकेशन में देर होने पर कम से कम 1000 रुपये और अधिक से अधिक 5000 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा.
ये भी पढ़ें: ITR Refund: आईटीआर फाइलिंग के कितने दिन बाद मिलता है रिफंड?
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.