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ITR Filing Tips: आईटीआर फॉर्म में शामिल कराएं ये अहम अलाउंस, उम्मीद से अधिक बचेगा टैक्स

ITR Filing Tips: कई कंपनियों की ओर से अपने कर्मचारियों को हर महीने 2 से 3 हजार रुपये मनोरंजन भत्ता दिया जाता है. यह भत्ता भी कर्मचारियों की सैलरी में शामिल होता है. आईटीआर फॉर्म में इसे दर्शाने पर टैक्स से छूट मिल सकती है.

By KumarVishwat Sen | July 13, 2024 4:27 PM
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ITR Filing Tips: आयकर रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने का महीना चल रहा है. आयकर विभाग ने आईटीआर फाइलिंग के लिए 31 जुलाई 2024 आखिरी तारीख तय कर दिया है. नौकरी-पेशा लोग टैक्स बचाने के लिए बचत योजनाओं के तहत प्लान लेते हैं, लेकिन टैक्स सेविंग के लिए तमाम तरह के उपाय करने की भी जरूरत नहीं है. आपको हर महीने जो सैलरी मिलती है, उसमें ही टैक्स बचत के उपाय भी दिए गए हैं. इसके लिए केवल आपकी जानकारी होनी चाहिए. आपकी सैलरी में मिले वाले भत्ते (अलाउंस) ही टैक्स बचत के सबसे बड़े उपाय हैं. आइए, इनके बारे में जानते हैं.

मकान किराया भत्ता

सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले तमाम कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलने सैलरी में मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance) जुड़ा होता है. तमाम कंपनियां अपने कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता देती हैं. आपकी बेसिक सैलरी में करीब 40-50 फीसदी तक मकान किराया भत्ता शामिल होता है. कंपनी की ओर से मिलने वाली सैलरी स्लिप में मकान किराया भत्ता मेंशन रहता है. आईटीआर फॉर्म में इसे दर्शाने पर टैक्स में बचत हो सकती है.

परिवहन या वाहन भत्ता

घर से काम करने के लिए ऑफिस जाने में होने वाले खर्च के एवज में कंपनी की ओर से कर्मचारियों को परिवहन या वाहन भत्ता (Transport or Conveyance Allowance) दिया जाता है. यह भत्ता भी कर्मचारियों की सैलरी में शामिल रहता है. आईटीआर फॉर्म में इसे दर्शाने पर टैक्स में बचत हो सकती है.

मनोरंजन भत्ता

मनोरंजन भत्ता (Entertainment Allowance) भी टैक्स बचाने में बहुत बड़ी मदद करता है. कई कंपनियों की ओर से अपने कर्मचारियों को हर महीने 2 से 3 हजार रुपये मनोरंजन भत्ता दिया जाता है. यह भत्ता भी कर्मचारियों की सैलरी में शामिल होता है. आईटीआर फॉर्म में इसे दर्शाने पर टैक्स से छूट मिल सकती है.

लीव ट्रैवल अलाउंस

देश की प्राय: हर कंपनियां अपने कर्मचारियों को लीव ट्रेवल अलाउंस (LTA) देती हैं. इसके तहत कोई कर्मचारी कहीं घूमने जाता है, तो उसे कंपनी की ओर से भत्ता दिया जाता है. कोई भी कर्मचारी चार साल में दो बार लॉन्ग टूर पर घूमने के लिए जा सकता है. एक तय सीमा तक उसका खर्च लीव ट्रैवल अलाउंस के तहत रीइम्बर्स करवा सकता है. विशेष शर्तों के साथ इस पर भी टैक्स छूट का लाभ मिलता है. अब यह जानना जरूरी है कि यह विशेष शर्त क्या है?

एलटीए से टैक्स छूट का दावा कौन कर सकता है?

लीव ट्रैवल अलाउंस (Leave Travel Allowance) के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारी आईटीआर में टैक्स छूट का दावा कर सकता है. यह छूट कर्मचारी, कर्मचारी की पत्नी, बच्चों, आश्रित माता-पिता और भाई-बहनों के लिए भारत के भीतर घरेलू यात्रा पर किए गए खर्चों पर लागू होती है. योग्य यात्रा मोड में फ्लाइट (इकोनॉमी क्लास), ट्रेन या बस शामिल हैं. केवल यात्रा टिकटों की वास्तविक लागत (हवाई किराया, ट्रेन किराया, बस किराया) टैक्स से मुक्त है.

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चिल्ड्रेन एजुकेशन और हॉस्टल अलाउंस

अगर किसी कर्मचारी का कोई बच्चा है तो उसकी उम्र और योग्यता के हिसाब से उन्हें एजुकेशन या हॉस्टल अलाउंस मिल सकता है. चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस (Children Education Allowance) के तहत अधिकतम दो बच्चों को 100 रुपये हर महीने यानी कुल 2400 रुपये प्रतिवर्ष टैक्स से छूट दी जा सकती है. वहीं, किसी कर्मचारी का बच्चा हॉस्टल में रहता है, तो हॉस्टल एक्सपेंडिचर अलाउंस (Hostel Expenditure Allowance) प्रत्येक बच्चे के लिए प्रति माह 300 रुपये की अतिरिक्त छूट प्राप्त कर सकते हैं. यह अधिकतम 7200 रुपये सालाना हो सकता है. यह छूट केवल टैक्सेबल इनकम पर लागू होती है.

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