ITR: आयकर रिटर्न फाइल करने में चूके तो भरना होगा जुर्माना, 10 दिनों में खत्म हो जाएगी डेडलाइन

ITR: देर से आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2024 है. 31 दिसंबर 2024 के बाद रिटर्न दाखिल करने पर आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा जा सकता है और अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसलिए, यदि आपने अभी तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो 31 दिसंबर 2024 से पहले इसे अवश्य पूरा करें.

By KumarVishwat Sen | December 21, 2024 9:21 PM

ITR: आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की डेडलाइन खत्म होने में अब सिर्फ 10 दिन ही बचा हुआ है. इस डेट तक आयकर रिटर्न फाइल करने में चूक होने पर आपको भारी जुर्माना भरना होगा. वित्तीय वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 थी. यदि आप यह तिथि चूक गए हैं, तो विलंबित या संशोधित रिटर्न 31 दिसंबर 2024 तक जुर्माने के साथ दाखिल किया जा सकता है.

31 दिसंबर के बाद आयकर विभाग भेज सकता है नोटिस

सबसे बड़ी बात यह है कि 31 दिसंबर 2024 के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करने पर आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा जा सकता है और अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसलिए, यदि आपने अभी तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो 31 दिसंबर 2024 से पहले इसे अवश्य पूरा करें ताकि, संभावित जुर्माने और कानूनी कार्यवाही से बचा जा सके.

आयकर रिटर्न फाइल करने पर लगने वाले जुर्माने की रकम

विलंब शुल्क (धारा 234 एफ के तहत लेट फाइलिंग फीस)

  • यदि आपने 31 जुलाई (आयकर रिटर्न की मूल समय सीमा) के बाद और 31 दिसंबर तक रिटर्न दाखिल किया, तो 5,000 रुपये विलंब शुल्क देना होगा.
  • यदि आपकी कुल आय 5 लाख से कम है, तो 1,000 रुपये देने होंगे
  • आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख (विलंब शुल्क के साथ) 31 दिसंबर है.

ब्याज (आयकर की धारा 234ए के तहत)

  • यदि आपने टैक्स समय पर भुगतान नहीं किया है, तो शेष बकाया टैक्स पर मासिक 1% ब्याज लगाया जाएगा.
  • यदि आपका रिफंड बनता है, तो विलंब से रिटर्न दाखिल करने पर यह देरी से मिलेगा.
  • समय पर रिटर्न न दाखिल करने पर इनकम टैक्स नोटिस आने की संभावना बढ़ जाती है.

आयकर रिटर्न में देरी पर नुकसान

  • समय पर रिटर्न न भरने पर संशोधित ITR फाइल करने का अधिकार भी खो सकते हैं.
  • समय पर रिटर्न न दाखिल करने से आयकर विभाग द्वारा जुर्माने और जांच का सामना करना पड़ सकता है.
  • यदि आपकी कर योग्य आय के बावजूद आपने रिटर्न दाखिल नहीं किया, तो यह अपराध माना जा सकता है.
  • आयकर विभाग आपको 3 महीने से 2 साल तक की सजा दे सकता है और बड़े कर चोरी मामलों में यह सजा 7 साल तक हो सकती है.

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