ITR : उपहार पाना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन टैक्स को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है. भारत में आपको गिफ्ट टैक्स नियमों के अनुसार महंगे उपहारों पर कर चुकाना पड़ सकता है. सरकार ने हाल ही में इन नियमों में कुछ बदलाव किए हैं जो आपके सीधे प्रभावित कर सकते हैं, खासकर अगर आप अक्सर महंगे उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं. चाहे आप देने वाले हों या प्राप्तकर्ता, आयकर दिशा-निर्देशों को जानना हमेशा फायदेमंद रहता है. आइए समझते हैं गिफ्ट टैक्स के बारे में.
गिफ्ट टैक्स क्या है?
आपको यह मालूम होना चाहिए कि गिफ्ट टैक्स के रूल्स के अनुसार, आपको महंगे उपहारों पर कर चुकाना पड़ सकता है. भारत में, उपहारों को अन्य स्रोतों से आय के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और आयकर अधिनियम 1961 के तहत कराधान के अधीन हैं. करदाताओं को अपने रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय सभी उपहारों का खुलासा करना अनिवार्य है. अगर गिफ्ट 50,000 रुपये से कम मूल्य का है, तो आपको टैक्स को टेंशन नहीं है. अगर यही दाम 50,000 रुपये से ऊपर जाने पर टैक्स लगता है.
किन उपहारों पर गिफ्ट टैक्स लगता है?
अगर आपको एक वर्ष में किसी एक व्यक्ति से 50,000 रुपये से अधिक का उपहार मिलता है, तो आपको 50,000 रुपये से अधिक की राशि पर कर का भुगतान करना होगा. दूर के रिश्तेदारों या दोस्तों से प्राप्त उपहारों को कर योग्य माना जाता है, जबकि विज्ञापन या प्रचार के लिए प्राप्त उपहार आपकी आय में शामिल किए जाएंगे और कर के अधीन होंगे.
किन उपहारों पर गिफ्ट टैक्स नहीं लगता है?
आपके जीवनसाथी, माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी और बच्चों जैसे परिवार के सदस्यों से मिले उपहारों पर कर नहीं लगता, चाहे उनका मूल्य कितना भी हो. अगर आपको शादी या धार्मिक समारोह जैसे किसी खास अवसर पर उपहार मिलता है, तो आपको उस पर कर नहीं देना होगा, बशर्ते कि वह 3 लाख रुपये से कम हो. और अगर आप राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल या सरकार की तरफ से मिले उपहारों पर टैक्स नहीं लगता.
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