Vande Bharat Express: इस रूट पर जल्द दौड़ेगी 11वीं वंदे भारत ट्रेन, जानिए पूरी डिटेल
Vande Bharat Express: सरकार जल्द ही 11वीं वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएगी. संभावना जताई जा रही है कि वंदे भारत ट्रेन मार्च के अंतिम हफ्ते से जबलपुर-इंदौर के बीच चलने लगेगी.
Vande Bharat Express: मध्य प्रदेश वासियों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, मध्य प्रदेश को अपनी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन जल्द ही मिलने वाली है. सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार जल्द ही 11वीं वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएगी. संभावना जताई जा रही है कि वंदे भारत ट्रेन मार्च के अंतिम हफ्ते से जबलपुर-इंदौर के बीच चलने लगेगी. यह मध्य प्रदेश के लिए पहली वंदे भारत होगी. बताते चलें कि वंदे भारत एक्सप्रेस अभी 10 रूटों पर चल रही है.
पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी!
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, जबलपुर रेल मंडल द्वारा वंदे भारत ट्रेन को चलाने की तैयारी लगभग पूरी की जा चुकी है. जबलपुर के कोचिंग यार्ड में वंदे भारत ट्रेन के रैकों का रख-रखाव होगा. सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि अप्रैल माह के शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे हरी झंडी दिखा सकते हैं. ट्रेन का भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर ठहराव होगा. बताते चलें कि इस ट्रेन को पहले फरवरी महीने में ही हरी झंडी दिखानी थी, लेकिन महाराष्ट्र में इसकी लॉन्चिंग के चलते यह देरी हुई. भोपाल में ट्रेन के रखरखाव केंद्र के निर्माण पर 100 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.
लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है वंदे भारत एक्सप्रेस
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे की सबसे तेज चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस अब रेल यात्रियों की पहली पसंद बनती जा रही है. ये सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस है. वंदे भारत एक्सप्रेस देश में चलने वाली अन्य ट्रेनों से ज्यादा तेज चल सकती है. वंदे भारत एक्सप्रेस की विशेषताओं के बारे में बात करें तो ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किमी प्रति घंटा है. सुरक्षा कारणों के चलते ट्रेन को अभी 130 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड के साथ संचालित किया जा रहा है. इस ट्रेन की डिजाइन भी इसे खास बनाती है. जो भारतीय रेलवे की बॉक्सी, मस्कुलर ट्रेनों की तुलना में अधिक आधुनिक और कोणीय है. सफेद और नीले रंग की दोहरी रंग योजना भी आकर्षक है. साथ ही इंजन की उभरी हुई नाक अन्य देशों की हाई-स्पीड ट्रेनों की तरह है. ये महज 52 सेकंड में 0-100 किमी प्रति घंटे की स्पीड पकड़ लेती है, जबकि दुनिया की अन्य ट्रेनों में 60 सेकंड तक का समय लगता है.
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