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Jet Airways के उड़ान भरने का रास्ता साफ, DGCA ने रिन्यू किया ऑपरेटर सर्टिफिकेट, जानें क्यों बंद हुई एयरलाइंस

Jet Airways के विमानों के उड़ान का रास्ता साफ हो गया है. DGCA ने एयरपोर्ट ऑपरेटर सर्टिफिकेट को रिन्यू कर दिया है. नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल, 2019 से उड़ान बंद कर दी थी.

Jet Airways के विमानों के उड़ान का रास्ता साफ हो गया है. DGCA ने एयरपोर्ट ऑपरेटर सर्टिफिकेट को रिन्यू कर दिया है. बताया जा रहा है कि दिवालिया विमानन कंपनी जेट एयरवेज के लिए सफल बोली लगाने वाले जालान-कालरॉक गठजोड़ ने सोमवार को कहा कि नियामक डीजीसीए ने एयरलाइन के हवाई परिचालक प्रमाणपत्र को नवीनीकृत कर दिया है. नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल, 2019 से उड़ान बंद कर दी थी. हवाई परिचालक प्रमाणपत्र (NOC) 20 मई 2022 को फिर से जारी किया गया. इसके बाद एयरलाइन ने परिचालन शुरू नहीं किया, जिसके चलते एओसी 19 मई, 2023 को समाप्त हो गई. जालान-कालरॉक गठजोड़ (जेकेसी) ने एक बयान में कहा कि उसे 28 जुलाई 2023 को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से जेट एयरवेज का एओसी मिल गया है. बयान में कहा गया कि एओसी का नवीनीकरण जेट एयरवेज के पुनरुद्धार में डीजीसीए के भरोसे को फिर से प्रमाणित करता है.

1992 में शुरू हुआ था जेट एयरवेज

जेट एयरवेज (Jet Airways) एक भारतीय हवाई यातायात कंपनी थी जो 1992 में स्थापित की गई थी और अप्रैल 2019 तक संचालित थी. यह भारत में मुख्य हवाई वायुसेवा प्रदान करने वाली कंपनियों में से एक थी और यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर सेवाएं प्रदान करती थी. जेट एयरवेज का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में था. वर्षों के दौरान, जेट एयरवेज भारतीय वायुयान उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई थी और इसकी सेवा की गुणवत्ता और व्यापक नेटवर्क के लिए जानी जाती थी. यह बोइंग और एयरबस विमान दोनों के फ्लीट चलाती थी और विभिन्न यात्रा वर्गों की पेशकश करती थी जिससे विभिन्न यात्री वर्गों की मांग पूरी हो सके. हालांकि, हाल के वर्षों में, इस एयरलाइन को भारी आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण अप्रैल 2019 में इसके संचालन को बंद कर दिया गया. जेट एयरवेज ने बड़ी राशि का कर्ज इकट्ठा किया था और अपने आर्थिक बंधनों को पूरा नहीं कर पाई, जिससे इसकी पूरी फ्लीट बंद हो गई और संचालन का अस्थायी रूप से विराम हो गया।

जेट एयरवेज की फ्लीट में शामिल थे बोइंग और एयरबस विमान

जेट एयरवेज की फ्लीट में विभिन्न आकार और क्षमता के विमान थे जैसे कि Boeing 737, Boeing 777, Airbus A330, Airbus ATR, और अन्य। ये विमान विभिन्न यात्रा वर्गों में उपलब्ध थे जो यात्रियों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करते थे. हालांकि, सेवा बंद होने के बाद सभी ग्राउड हो गए.

क्यों बंद हुआ जेट एयरलाइंस

जेट एयरवेज अप्रैल 2019 में संचालन बंद कर दिया गया था क्योंकि वह भारतीय वायुयान उद्योग में भारी आर्थिक समस्याओं का सामना कर रही थी. कई कारणों ने मिलकर एक साथ मिलकर जेट एयरवेज को बड़ी मुश्किल में डाल दिया और उसे संचालन बंद करने के लिए निर्णय करना पड़ा. जेट एयरवेज के बंद होने से भारतीय वायुयान उद्योग में बड़ा हुआ प्रभाव पड़ा और उसे पुनर्स्थापित करने की कवायदें की जा रही हैं. जेट के बंद होने के प्रमुख कारणों में:

  1. आर्थिक बंधन: जेट एयरवेज के पास भारी राशि का कर्ज था और वह अपने आर्थिक बंधनों को पूरा नहीं कर पाई. इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति में खराबी हो गई और वह अपने दयर्शी और कर्मचारियों के वेतन और देयता को पूरा नहीं कर सकी.

  2. बढ़ती दरें: पेट्रोल, डीजल और जेट फ्यूल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी ने कंपनी को बड़ी मुश्किल में डाल दिया, क्योंकि इससे उनके चल रहे ऑपरेशनल खर्च बढ़ गए.

  3. तीव्र प्रतिस्पर्धा: भारत में यातायात क्षेत्र में तीव्र प्रतिस्पर्धा के कारण जेट एयरवेज द्वारा दरों में कटौती करना मुश्किल हो गया. बढ़ती दरें और तीव्र प्रतिस्पर्धा ने उचित यात्रा दरों को बनाए रखने में कंपनी को असमर्थ बना दिया.

  4. वित्तीय उधारों की नाकामयाबी: जेट एयरवेज के पास विभिन्न वित्तीय योजनाएं थीं जो उसे पुनर्स्थापित करने के लिए किया गया था, लेकिन उन योजनाओं से संबंधित कुछ वित्तीय उधार नाकामयाब साबित हुए.

डीजीसीए क्या है

डीजीसीए का पूरा नाम Directorate General of Civil Aviation है. यह भारत सरकार के तहत आनुवंशिक भारतीय नागरिक उड्डयन को नियंत्रित करने और सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार संस्था है. DGCA भारत के भारतीय नागरिक उड्डयन के नियंत्रण, विकास, और उच्चतम सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कार्यों का प्रभारी बना हुआ है. DGCA का मुख्य कार्य विमान और नागरिक उड्डयन से संबंधित नियमन एवं मानकों को बनाना, जारी करना, और उनके पालन का निगरानी करना है. इसके अलावा, DGCA विमानन शिक्षा, विमानन परीक्षण, विमान सर्वेक्षण, और विमानों के पंजीकरण और लाइसेंस जारी करने के लिए भी जिम्मेदार है. डीजीसीए भारतीय नागरिक उड्डयन के उत्थान और सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयास करता है और विमानन संबंधी विकासों और नई तकनीकों का ध्यान रखता है. यह भारतीय वायु शिक्षा संस्थानों, विमानन ऑपरेटरों, विमानन उत्पादकों, और यात्रियों को विमानन सेवाओं की सुविधा और सुरक्षा में सुधार करने में सहायता प्रदान करता है.

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