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जेट एयरवेज के कर्मचारियों का बकाया है 85 लाख तक, कंपनी दे रही है 23 हजार रुपये

पुनरुद्धार योजना के तहत नए मालिकों ने जेट के प्रत्येक कर्मचारी को लगभग 23,000 रुपये के भुगतान का प्रस्ताव रखा है. लाखों रुपये के बकाया के बाद कुछ हजार के भुगतान से कर्मचारी संघ नाराज है लेकिन अब संभावना जाहिर की जा रही है कि धीरे- धीरे कर्मचारियों को वेतन मिल जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2021 12:27 PM

जेट एयरवेज के कर्मचारियों के अच्छे दिन आने वाले हैं. कर्मचारियों के लगभग 3 से 85 लाख रुपये का वेतन बकाया है. कलरॉक-जालान द्वारा खरीदे जाने के बाद कंपनी के कर्मचारियों को बकाया वेतन मिलने की संभावना बढ़ गयी है.

पुनरुद्धार योजना के तहत नए मालिकों ने जेट के प्रत्येक कर्मचारी को लगभग 23,000 रुपये के भुगतान का प्रस्ताव रखा है. लाखों रुपये के बकाया के बाद कुछ हजार के भुगतान से कर्मचारी संघ नाराज है लेकिन अब संभावना जाहिर की जा रही है कि धीरे- धीरे कर्मचारियों को वेतन मिल जायेगा.

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संघ के अध्यक्ष किरण पावस्कर का कहना है, “जेट ने कर्मचारियों से एनसीएलटी द्वारा स्वीकृत योजना के लिए हां या ना में वोट डालने के लिए कहा है, लेकिन योजना के तहत मुश्किल से प्रत्येक कर्मचारी को कुल बकाया राशि का भुगतान किया जा रहा है. ये कुल बकाये का लगभग 0.5% प्रदान करती है, जो शून्य जितना अच्छा है. इससे कर्मचारियों को खास लाभ नहीं मिलेगा.

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिये इंटरव्यू में इन्होंने बताया कि अगर समय से समस्या का हल नहीं निकलता तो कर्मचारी अदालत में कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर कर सकते हैं. कर्मचारी संघ ने नागरिक उड्डयन मंत्री, श्रम मंत्री और क्षेत्रीय श्रम आयुक्त को एक पत्र भी भेजा है. इसमें लिखा गया, “समाधान योजना के रूप में एक बहुत ही मामूली राशि का प्रस्ताव किया गया है. कंपनी के 26 वर्षों के ​इस कार्यकाल में कई ने अपने जीवन के लंबे समय तक काम किया है. मगर उन्हें उनका हक नहीं मिला है.”

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जेट एयरवेज के एक कर्मचारी ने बताया कि कंपनी सामाधान प्रक्रिया के तहत जो योजना बना रही है वह कर्मचारियों के हित में नहीं है. धन की कमी की वजह से साल 2019 में कंपनी को बंद कर दिया गया था. SBI के नेतृत्व वाले संघ ने दिवालियापन संहिता के तहत समाधान के लिए NCLT के पास भेजा गया था. इस दौरान एयरवेज के स्लॉट अन्य एयरलाइनों को आवंटित किए गए थे. जेट एयरवेज को कलरॉक-जालान ने साल 2020 में खरीदा था. समाधान योजना के अनुसार, कलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने 5 वर्षों के भीतर इसका विस्तार करने का प्लान बनाया है.

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