Jharkhand राज्य को 10 खनिज ब्लॉकों और सोने की खान की नीलामी में देरी के कारण राज्य सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. केंद्रीय खान मंत्रालय ने झारखंड सरकार की असफलता पर चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार जल्द नीलामी नही कर पाती है, तो केंद्र इस स्थिति में खुद इन खानों और ब्लॉक्स की नीलामी करेगा. केंद्र सरकार ने इन खनिज ब्लॉकों के महत्व को रेखांकित किया है, जिसमें एक तांबे, एक चूना पत्थर और एक ग्रेफाइट की खदान शामिल है.
नीलामी में पिछड़ा झारखंड
सोने की खदान के अलावा, इन 10 ब्लॉकों में तांबा, चूना पत्थर और ग्रेफाइट की अलग-अलग खदानें भी हैं. 2021 में लागू किए गए खनन नियमों में यह प्रावधान है कि यदि राज्य सरकार निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर खदानों की नीलामी करने में विफल रहती है, तो नीलामी कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर आ जाएगी. लोकल रिपोर्ट्स के अनुसार खनिज ब्लॉकों की नीलामी में झारखंड सरकार अन्य राज्यों से पीछे चल रही है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने झारखंड सरकार को कुल 38 भूवैज्ञानिक रिपोर्टें प्रदान की हैं, लेकिन इनमें से केवल 5 रिपोर्टों का ही अब तक नीलामी प्रक्रिया में उपयोग किया जा सका है.
Also Read : SBI के शेयरों के दम पर सेंसेक्स नए रिकॉर्ड पर, निफ्टी बोल रहा बम-बम
राजस्थान ने बेचें 12 ब्लॉक्स
राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 के अंत से पहले कुल 15 ब्लॉकों की नीलामी करने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन अब तक केवल 4 ही बिक पाए हैं. शेष 11 खदानों में से, केंद्र सरकार पोटाश ब्लॉक की नीलामी देखेगी, जबकि अन्य 10 ब्लॉकों का नीलाम होना बाकी है. इस बार के फाइनेंशियल ईयर में, राजस्थान ने 12 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की है, जिसमें अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और जेके सीमेंट लिमिटेड जैसी प्रमुख कंपनियों को ठेका दिया गया है.
Also Read : Export : भारत का निर्यात छू रहा आसमान, सरकार को 8.6% ग्रोथ की उम्मीद
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.