Jharkhand : शुक्रवार को झारखंड विधानसभा ने राज्य के लिए अधिक राजस्व जुटाने के लिए खनन किए गए खनिजों पर tax लगाने के लिए एक विधेयक पारित किया. यह निर्णय हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया है जिसमें राज्यों को खनिज अधिकारों पर कर लगाने का अधिकार दिया गया था. ‘झारखंड खनिज समृद्ध भूमि उपकर विधेयक 2024’ के नाम से जाना जाने वाला यह विधेयक खनन मंत्री मिथिलेश ठाकुर की तरफ से प्रस्तावित किया गया और इसे ध्वनि मत से मंजूरी दी गई. इसमें विभिन्न खनिजों के लिए अलग-अलग कर दरों की रूपरेखा दी गई है, जिसमें कोयला और लौह अयस्क पर 100 रुपये प्रति मीट्रिक टन, बॉक्साइट पर 70 रुपये और मैंगनीज अयस्क तथा अन्य खनिजों पर 50 रुपये प्रति मीट्रिक टन कर लगाया गया है.
टैक्स का निर्धारण बाजार मूल्य पर होने की उठी बात
सभा में आजसू विधायक लंबोदर महतो और सीपीआई (एमएल) विधायक विनोद कुमार सिंह ने कुछ तकनीकी पहलुओं के लिए विधेयक को एक चयन समिति को भेजने का सुझाव दिया. महतो को उपकर दरों के बारे में कुछ चिंताएँ थीं और उन्होंने विस्थापित व्यक्तियों की सहायता के लिए एकत्रित धन का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने एक खंड जोड़ने की सिफारिश करी जिसमें कहा गया था कि उपकर निधि को प्रभावित लोगों की भलाई और मुआवजे के लिए आवंटित किया जाएगा. सिंह का यह भी कहना था कि कर का निर्धारण खनिजों के बाजार मूल्य से होना चाहिए, न कि केवल उनके वजन से.
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18 विधायक हुए निलंबित
Jharkhand के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रस्तावित विधेयक में राज्य सरकार को कीमतों को समायोजित करने का अधिकार देने का सुझाव दिया. खनन मंत्री ठाकुर ने राज्य के सीमित खनिज संसाधनों और विकास के लिए विधेयक के महत्व पर जोर दिया. ठाकुर ने कहा कि सभी चिंताओं का समाधान कर दिया गया है और विधेयक की गहन समीक्षा की गई है. विधानसभा ने विपक्ष के नेता अमर बाउरी की आपत्तियों के बावजूद झारखंड कारागार और सुधार सेवा विधेयक 2024 और झारखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2024 सहित तीन अन्य विधेयक भी पारित किए. बाउरी ने पार्टी के 18 विधायकों को निलंबित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की आलोचना की और दावा किया कि उन्हें अपनी असहमति जताने का मौका नही मिला .
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