Jio Finance Blackrock: जियो फाइनेंशियल और ब्लैकरॉक ने बनाई ज्वॉइंट कंपनी, निवेशकों को होगा बड़ा फायदा

Jio Finance Blackrock: मुकेश अंबानी की कपंनी रिलायंस के डीमर्जर के बाद अभी-अभी अलग हुई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) और ब्लैकरॉक ने बाजार में 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एक ज्वाइंट कंपनी बनाने की घोषणा की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2023 1:33 PM

Jio Finance Blackrock: मुकेश अंबानी की कपंनी रिलायंस के डीमर्जर के बाद अभी-अभी अलग हुई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) और ब्लैकरॉक ने बाजार में 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एक ज्वाइंट कंपनी बनाने की घोषणा की है. दोनों कंपनियां इसमें 15-15 करोड़ डॉलर का निवेश करेंगी. दोनों कंपनियों की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि जियो ब्लैकरॉक उद्यम देश के भीतर परिसंपत्ति प्रबंधन कारोबार में उतरेगा. इस साझेदारी के जरिये भारत के परिसंपत्ति प्रबंध उद्योग में आमूलचूल बदलाव लाने का इरादा जताया गया है. बयान के मुताबिक, जियो ब्लैकरॉक को जेएफएसएल के संसाधनों एवं ज्ञान के साथ ब्लैकरॉक की निवेश विशेषज्ञता का भी लाभ मिलेगा और इससे भारत के करोड़ों निवेशकों को किफायती एवं नवोन्मेषी निवेश समाधान मुहैया कराए जा सकेंगे.

कंपनी में आधा-आधा निवेश करेंगे दोनों कंपनी

कंपनियों की तरफ के बाजार में बताया गया है कि जेएफएस और ब्लैकरॉक दोनों ही नए उद्यम में 15-15 करोड़ डॉलर का शुरुआती निवेश करेंगी. ब्लैकरॉक के एशिया-प्रशांत प्रमुख रैचल लॉर्ड ने कहा कि जियो ब्लैकरॉक दोनों ही कंपनियों की सम्मिलित ताकत और विस्तार का इस्तेमाल करते हुए भारत के करोड़ों निवेशकों को सेवाएं देगी. जेएफएस के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी हितेश सेठिया ने दुनिया की प्रतिष्ठित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों में शुमार ब्लैकरॉक के साथ साझेदारी को ‘रोमांचक’ बताते हुए कहा कि जियो ब्लैकरॉक सही मायने में बदलावकारी साबित होगी. दोनों कंपनियों के मिलने से निवेशकों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि ब्लैकरॉक के पास जहां इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट, रिस्क मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजीज में एक्सपर्टीज है. जबकि, रिलायंस का हिस्सा होने के कारण जियो फाइनेंशियल के पास घरेलू बाजार के बारे में मजबूत समझ और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है.

ब्लैकरॉक की 5 साल बाद वापसी

ब्लैकरॉक ने करीब पांच वर्ष से भारतीय बाजार से दूरी बना कर रखा था. कंपनी करीब 11 ट्रिलियन की संपत्ति को संभालने का तजुर्बा है. अब कंपनी रिलायंस के साथ मिलकर भारत में काम करेगी. बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी सब्सिडयरी रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट का नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज कर दिया था. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर में जल्द ट्रेडिंग शुरू होने वाली है. रिलायंस के डीमर्जर के लिए शेयर बाजार में एक अलग प्री ओपनिंग सेशन का आयोजन किया गया था.

क्या है जियो फाइनेंशियल सर्विसेज

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के डिमर्जर हो गया है. रिलायंस ने अपने फाइनेंशियल सर्विसेज के वेंचर को रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में विभाजित कर दिया है. इसके बाद इसका नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड कर दिया गया है. कंपनी ने इसे NSE समेत अन्य सूचकांकों में शामिल करने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है. ऐसे में निवेशकों के लिए इसमें पैसे लगाना एक विंडफॉल गेन माना जा रहा है. कंपनी के द्वारा एक बार फिर से बाजार में मुफ्त पॉलिसी का इस्तेमाल किया जा रहा है. दरअसल, कंपनी ने रिलायंस के प्रत्येक शेयरधारक को मूल कंपनी के एक शेयर पर नई फर्म का एक शेयर मुफ्त देगी. ऐसे में बाजार में लोग कंपनी का शेयर खरीदने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि अभी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड उपभोक्ताओं को उनके संपत्ति का आकलन करके उसके विश्लेषण के आधार पर ऋण देगी. बाद में कंपनी का प्लान बीमा, भुगतान, डिजिटल ब्रोकिंग और परिसंपत्ति प्रबंधन में भी हाथ आजमाने का है.

कौन चला रहा है जियो फाइनेंशियल

रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में बदलाव के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड कंपनी तैयार हुई है. इस कंपनी को मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी चलाएंगी. उसके साथ, पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) राजीव महर्षि को भी कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल किया गया है. वो पांच वर्ष के लिए स्वतंत्र निदेशक बनाये गए हैं. कंपनी में ईशा अंबानी को Non-Executive Director के रुप में नियुक्त किया गया है. इसके अलावा रियायंस के कार्यकारी अधिकारी अंशुमन ठाकुर भी Non-Executive Director बनाये गए हैं.

बाजार पूंजीकरण 19 लाख करोड़ रुपये के पार

रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर पिछले सप्ताह मंगलवार को कारोबार के दौरान अपने 52 सप्ताह के उच्चस्तर पर पहुंच गया. इसके साथ ही कंपनी का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 19 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया. बीएसई पर कारोबार के अंत में कंपनी का शेयर 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,822.40 रुपये पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 1.48 प्रतिशत की बढ़त के साथ 52 सप्ताह के उच्च स्तर 2,838 रुपये पर भी पहुंच गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी का शेयर 0.84 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,820.45 रुपये पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 1.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 52 सप्ताह के उच्चस्तर 2,837.45 रुपये पर पहुंच गया था. कंपनी का बाजार पूंजीकरण 17,456.07 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 19,09,526.60 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

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