Jio Financial Services Listing: जियो फाइनेंशियल का शेयर 265 रुपये पर लिस्ट, 36 लाख निवेशक निराश, जानें वजह
Jio Financial Services Listing: ग्रे मार्केट में जियो फाइनेंशियल का शेयर 73 रुपये के प्रीमियम के साथ ट्रेड कर रहा था. यानी मार्केट इसके 335 रुपये के आसपास लिस्ट होने की उम्मीद कर रहा था.
Jio Financial Services Listing: भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) से हाल ही में अलग हुई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की आज बाजार में लिस्टिंग हुई. BSE सेंसेक्स पर इसका भाव 265 रुपये पर लिस्ट हुआ. हालांकि, इंट्राडे में शेयर कमजोर होकर 252 रुपये पर आ गया. 20 जुलाई को इस स्टॉक की प्री-लिस्टिंग कीमत 261.85 रुपये फिक्स हुई थी. बाजार में दूसरी सबसे बड़ी NBFC कंपनी के रुप में डेब्यू करने के बाद भी करीब 36 लाख निवेशकों को निराशा का सामना करना पड़ा है. बताया जा रहा है कि ग्रे मार्केट में जियो फाइनेंशियल का शेयर 73 रुपये के प्रीमियम के साथ ट्रेड कर रहा था. यानी मार्केट इसके 335 रुपये के आसपास लिस्ट होने की उम्मीद कर रहा था. उम्मीद से कम कीमत पर लिस्ट होने के कारण निवेशकों को निराशा का सामना करना पड़ा है.
20 जुलाई को हुआ था डीमर्जर
20 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस ‘स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड’ का डीमर्जर हुआ था. इसके लिए NSE में एक प्रोओपनिंग सेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का स्टॉक प्राइस 261.85 रुपये तय हुआ था. डीमर्जर के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर होल्डर्स को हर एक शेयर के बदले जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के एक शेयर मिले थे. इस बीच कंपनी ने ब्लैकरॉक ने बाजार में 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एक ज्वाइंट कंपनी बनाने की घोषणा कर दी. कंपनियों की तरफ के बाजार में बताया गया है कि जेएफएस और ब्लैकरॉक दोनों ही नए उद्यम में 15-15 करोड़ डॉलर का शुरुआती निवेश करेंगी. ब्लैकरॉक के एशिया-प्रशांत प्रमुख रैचल लॉर्ड ने कहा कि जियो ब्लैकरॉक दोनों ही कंपनियों की सम्मिलित ताकत और विस्तार का इस्तेमाल करते हुए भारत के करोड़ों निवेशकों को सेवाएं देगी. जेएफएस के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी हितेश सेठिया ने दुनिया की प्रतिष्ठित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों में शुमार ब्लैकरॉक के साथ साझेदारी को ‘रोमांचक’ बताते हुए कहा कि जियो ब्लैकरॉक सही मायने में बदलावकारी साबित होगी. दोनों कंपनियों के मिलने से निवेशकों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है.
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कंपनी को मैनेज करेंगी ईशा अंबानी
रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में बदलाव के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड कंपनी तैयार हुई है. इस कंपनी को मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी चलाएंगी. उसके साथ, पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) राजीव महर्षि को भी कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल किया गया है. वो पांच वर्ष के लिए स्वतंत्र निदेशक बनाये गए हैं. कंपनी में ईशा अंबानी को Non-Executive Director के रुप में नियुक्त किया गया है. इसके अलावा रियायंस के कार्यकारी अधिकारी अंशुमन ठाकुर भी Non-Executive Director बनाये गए हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज 52 सप्ताह के उच्च स्तर पर, बाजार पूंजीकरण 19 लाख करोड़ रुपये के पार
रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर मंगलवार को कारोबार के दौरान अपने 52 सप्ताह के उच्चस्तर पर पहुंच गया. इसके साथ ही कंपनी का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 19 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया. बीएसई पर कारोबार के अंत में कंपनी का शेयर 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,822.40 रुपये पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 1.48 प्रतिशत की बढ़त के साथ 52 सप्ताह के उच्च स्तर 2,838 रुपये पर भी पहुंच गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी का शेयर 0.84 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,820.45 रुपये पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 1.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 52 सप्ताह के उच्चस्तर 2,837.45 रुपये पर पहुंच गया था. कंपनी का बाजार पूंजीकरण 17,456.07 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 19,09,526.60 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
आरआईएल शेयर के अधिग्रहण की लागत 95.32 प्रतिशत
Reliance Industries के द्वारा डीमर्जर से पहले शेयर धारकों को सूचित किया गया कि विलय के बाद आरआईएल शेयर के अधिग्रहण की लागत लागत 95.32 प्रतिशत और आरएसआईएल शेयर के अधिग्रहण की लागत 4.68 प्रतिशत है. कंपनी के द्वारा एक्सचेंज फाइलिंग के दौरान जानकारी दी गयी कि इक्विटी शेयरों के अधिग्रहण की पूर्व-डिमर्जर लागत को इस तरीके से विभाजित करने की सलाह दी जाती है. आरएसआईएल का मतलब रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड है, आज से आरआईएल से अलग हो गया है. अब इसका नाम Jio Financial Services कर दिया गया है. डी-मर्जर के साथ ही जियो फाइनेंशियल सर्विसेज इस सेक्टर में भारत की पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है.
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