Jio Financial Services Update: मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी जियो फाइनेंशियल को लेकर बड़ा अपडेट आया है. बताया जा रहा है कि रिलायंस समूह की नई सूचीबद्ध कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) को एक सितंबर से शेयर बाजार बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स समेत सभी सूचकांकों से हटा दिया जाएगा. बीएसई ने बृहस्पतिवार को एक परिपत्र में कहा कि जेएफएसएल को एक सितंबर को कारोबार शुरू होने के पहले बीएसई के सभी सूचकांकों से अलग कर दिया जाएगा. वित्तीय सेवा फर्म जेएफएसएल 21 अगस्त को बीएसई के साथ एनएसई पर भी सूचीबद्ध हुई थी. इसके शेयर की कीमतों में एक तरह की निश्चितता देने के लिए इसे सूचकांकों का हिस्सा बनाया गया था. पहले इसे 24 अगस्त को ही सूचकांकों से अलग कर दिया जाना था लेकिन सूचीबद्धता के बाद के कुछ शुरुआती कारोबारी सत्रों में यह लगातार निचले सर्किट को छूता रहा. ऐसी स्थिति में शेयर बाजार ने इस सूचकांकों से अलग करने को 29 अगस्त तक के लिए टाल दिया था.
शेयरों में 29 अगस्त और 30 अगस्त को निचला सर्किट नहीं लगा
रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग होकर एक अलग कंपनी के रूप में सूचीबद्ध हुई जियो फाइनेंशियल के शेयरों में 29 अगस्त और 30 अगस्त को निचला सर्किट नहीं लगा था. बृहस्पतिवार को भी कंपनी के शेयर पांच प्रतिशत की ऊपरी सर्किट सीमा छूने में सफल रहे. बीएसई की सूचकांक समिति ने कंपनी के शेयरों में आई स्थिरता को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार सुबह से इसे सूचकांकों से हटाने का फैसला किया है. रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी ने गत सोमवार को सालाना आमसभा में कहा था कि जियो फाइनेंशियल भविष्य में बीमा क्षेत्र में भी कदम रखेगी जिसमें जीवन बीमा के साथ साधारण बीमा एवं स्वास्थ्य बीमा उत्पाद भी शामिल होंगे.
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का नेटवर्थ 1.2 लाख करोड़ रुपये : अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कंपनी के एजीएम में कहा था कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज 1.2 लाख करोड़ रुपये के नेटवर्थ के साथ पूंजीकृत है. उन्होंने दावा किया था कि यह दुनिया में सबसे अधिक पूंजी के साथ शुरुआत करने वाले वित्तीय सेवा मंचों में शामिल है. कंपनी की वार्षिक आमसभा में अंबानी ने कहा कि जेएफएस उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों के लिए सर्वव्यापी पेशकश के साथ अपने भुगतान के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, जिससे भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि जेएफएस उत्पाद न केवल उद्योग की मौजूदा कंपनियों को टक्कर देंगे, बल्कि ‘ब्लॉकचेन-आधारित मंच’ और सीबीडीसी जैसी खूबियों का भी इस्तेमाल करेंगे.
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