इलेक्ट्रॉनिक चिप निर्माता अमेरिकी कंपनी इंटेल कैपिटल जियो अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में 1,894.50 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इस रकम के निवेश से इंटेल जियों प्लेटफॉर्म में 0.39 प्रतिशत की हिस्सेदार हो जायेगी. इस निवेश के साथ ही रिलायंस जियो में पिछले करीब तीन महीनों में निवेश करने वाली यह 12वीं कंपनी होगी. इसके पहले फेसबुक, सिल्वर लेक पार्टनर्स, विस्टा, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडाला, सिल्वर लेक, एडीआईए, टीपीजी,एल केटरॉन, पीआईफ जैसी बड़ी कंपनियों ने जियो में निवेश किया है. इसके साथ ही इन कंपनियों से जियो प्लेटफॉर्म्स में हाल में आया कुल शेयर पूंजी निवेश 1,17,588.45 करोड़ रुपये हो गया है. आरआईएल को अब तक जियो प्लेटफॉर्म्स की 25.09 हिस्सेदारी के लिए निवेश मिल चुका है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो प्लेटफॉर्म्स द्वारा जारी एक एक संयुक्त बयान बताया गया कि इंटेल कैपिटल जियो प्लेटफॉर्म्स में 1,894.50 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है, जो कंपनी के शेयर मूल्य के हिसाब से 0.39 प्रतिशत होगा. मनीकंट्रोल के मुताबिक, इंटेल कैपिटल के इस निवेश से निवेश साझेदारी जियो प्लेटफॉर्म्स की 4.91 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी वैल्यू पर हुई है. जियो प्लेटफॉर्म्स की एंटरप्राइजेज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपए तय की गई है. इस निवेश के जरिए इंटेल कैपिटल को जियो प्लेटफॉर्म्स की 0.39 फीसदी हिस्सेदारी फुली डायलूटिड आधार पर दी जाएगी.
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चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा है कि इंटेल के साथ जियों की हुई साझेदारी का फायदा देशवासियों को फायदा होगा. इंटेल की इस साझेदारी से भारत में टेक्नोलोजी की क्षमता विस्तार में मदद मिलेगी. इंटेल वैश्विक तकनीकी कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है. इस बड़ी डील को लेकर इंटेल ने कहा कि जियो देश में सस्ती डिजिटल सेवा देवाएं दे रहा है. भारत को इस निवेश का फायदा मिलेगा. देश में डिजिटल सेवाएं बेहतर होगी इसका लाभ देशवासियों को मिला, उनकी जिंदगी बेहतर होगी.
इंटेल कैपिटल क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों में निवेश करती है. जबकि इंटेल इलेक्ट्रॉनिक चिप निर्माण के क्षेत्र में एक बड़ी कंपनी है. बता दे कि रिलांयस नंबर दूरसंचार प्रदाता कंपनी है. भारतीय बाजार में इसकी बेहतर समझ है. यह भारत की डिजिटल क्षमता का प्रतिनिधि है. इस वजह से विदेशी निवेशकों को निवेश करने के लिए लुभाता है. भारत में कोरोना वायरस के बाद डिजिटल इस्तेमाल के मौके बढ़े हैं. तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है. इसका फायदा भी इस कंपनी को मिलेगा.
Posted By: Pawan Singh
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