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जेपी मॉर्गन ने भारत को इमर्जिंग मार्केट बॉन्ड इंडेक्स में किया शामिल, 25 बिलियन डॉलर का निवेश संभव

JPMorgan Emerging Market Bond Index: कंपनी ने बताया कि वह अगले साल से भारतीय सरकारी बांड (IGB) या सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) को उभरते बाजार सूचकांक में शामिल करने की योजना बना रही है.

JPMorgan Emerging Market Bond Index: ग्लोबल फाइनेंस कंपनी जेपी मार्गन ने अपने भारत के सरकारी बॉन्ड को बेंचमार्क इमर्जिंग-मार्केट इंडेक्स में शामिल करने का फैसला किया है. कंपनी ने बताया कि वह अगले साल से भारतीय सरकारी बांड (IGB) या सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) को उभरते बाजार सूचकांक में शामिल करने की योजना बना रही है. आईजीबी को 28 जून 2024 से 31 मार्च 2025 तक 10 महीने की अवधि में क्रमबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा, जो इसके सूचकांक भारांक पर एक प्रतिशत वृद्धि का संकेत देता है. कंपनी के इस फैसले से अनुमान लगाया जा रहा है कि डेट मार्केट में 25 बिलियन डॉलर के निवेश के आने की संभावना है. जे पी मॉर्गन ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि जीबीआई-ईएम ग्लोबल डायवर्सिफाइड में भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत के अधिकतम भारांक तक पहुंचने और जीबीआई-ईएम ग्लोबल इंडेक्स में करीब 8.7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है. वर्ष 2020-21 के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकारी प्रतिभूतियों की कुछ निर्दिष्ट श्रेणियां पूरी तरह से अनिवासी निवेशकों के लिए खोली जाएंगी, इसके अलावा घरेलू निवेशकों के लिए भी उपलब्ध होंगी.

फैसले से रुपया और बैंकिंग स्टॉक हुए मजबूत

ग्लोबल बिकवाली के बीच सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय बाजार में भी गिरावट दर्ज की गयी. इस बीच, मार्गेन के फैसले के कारण सुबह करेंसी मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपया बड़ी मजबूती के साथ खुला. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुरुआती कारोबार में रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 38 पैसे की बढ़त के साथ 82.75 पर पहुंच गया. जो पिछले बंद स्तर की तुलना में 38 पैसे की बढ़त है. इसके साथ ही, बैंकिंग के शेयर की स्थिति अच्छी दिखी. NIFTY Bank दोपहर तीन बजे 17.05 अंक यानी 0.04 प्रतिशत की तेजी के साथ 44,640.90 पर कारोबार कर रहा था.

भारत की रेटिंग होगी बेहतर

जेपी मार्गन के इमर्जिंग बॉन्ड इंडेक्स में भारत को शामिल करने को लेकर एक अच्छी बात ये भी होने की संभावना है कि इससे वैश्विक रेटिंग एजेंसियों का नजरिया भारत के प्रति बदलेगा. रूस के इंडेक्स से बाहर जाने और चीन में दिक्कतों के चलते डेट मार्केट में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए ऑप्शन सीमित हो गया है. उन्होंने रेटिंग एजेंसी से निवेशकों के इस फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि वे अपने मूडी और पूअर स्टैंडर्ड्स को छोड़ेंगे. निलेश शाह ने कहा इस फैसले से भारत के बॉन्ड मार्केट को मजबूती मिलेगी. ब्लूमबर्ग के अनुसार विदेशी निवेशकों ने इस साल भारत के सरकारी बॉन्ड में 3.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक बड़े निवेशक के तौर पर उभरे हैं. लेकिन अब भारत सरका के सरकारी बॉन्ड्स भी निवेशकों को लुभायेंगे.

बॉन्ड म्यूचुअल फंड से हुई थी निकासी

वहीं, अगस्त के महीने में निवेशकों ने बॉन्ड म्यूचुअल फंड से जबरदस्त निकासी की है. बताया जा रहा है कि डेट म्यूचुअल फंड योजनाओं से पिछले महीने 25,872 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. बाजार के जानकार बताते हैं कि निवेशकों के सतर्क रुख और अमेरिका में मौजूदा ब्याज दर परिदृश्य के चलते मार्केट में ऐसी स्थिति बनी है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन महीने के दौरान 16 बॉन्ड श्रेणियों में से नौ में शुद्ध निकासी हुई. शुद्ध निकासी की बड़ी मात्रा एक साल से कम अवधि वाली श्रेणियों जैसे- नकदी, अति लघु और कम अवधि में देखी गई. इसके अलावा बैंकिंग और पीएसयू श्रेणी में भी महत्वपूर्ण शुद्ध निकासी हुई. आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में बॉन्ड म्यूचुअल फंड से 25,872 करोड़ रुपये की निकासी हुई, जबकि इससे पिछले महीने इसमें 61,440 करोड़ रुपये डाले गए थे.

बॉन्ड म्यूचुअल फंड क्या है

बॉन्ड म्यूचुअल फंड एक वित्तीय उपकरण है जिसे विभिन्न निवेशकों के द्वारा वित्तीय सम्पत्ति के रूप में चयन किया जाता है. यह फंड रिश्तेदार वस्तुओं के निवेश का उद्देश्य रखता है, जो विभिन्न प्रकार के बॉन्ड्स (निगम, सरकारी, विशेष ऋण) हो सकते हैं. बॉन्ड्स वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जिन्हें कंपनियाँ, सरकारें, और अन्य संगठन निकालती हैं ताकि वे वित्तीय समर्थ तंत्र के माध्यम से अपने विभिन्न परियोजनाओं को संबोधित कर सकें. बॉन्ड्स एक विशिष्ट अवधि के लिए निकाले जाते हैं और उन्हें मुख्य और व्याज के साथ लौटाया जाता है. बॉन्ड म्यूचुअल फंड एक ऐसा वित्तीय उपकरण है जिसमें निवेशक अपनी धनराशि को एक संयुक्त निवेश फंड में दान करते हैं. इस फंड का प्रबंधन एक पेशेवर वित्तीय निवेशक द्वारा किया जाता है जिन्हें विभिन्न बॉन्ड्स के निवेश करने का अधिकार होता है. फंड मैनेजर विभिन्न बॉन्ड्स का चयन करता है ताकि फंड का उद्देश्य प्राप्त किया जा सके. बोन्ड म्यूचुअल फंड निवेशकों को विभिन्न बॉन्ड्स के माध्यम से वित्तीय वस्त्र में निवेश करने का विकल्प प्रदान करते हैं, जो आमतौर पर निगमों, सरकारी योजनाओं और अन्य संगठनों द्वारा जारी किए जाते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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