Jewellery Shopping Tips : करवा चौथ पर सोने-चांदी खरीदते समय आपको ठग नहीं पाएंगे दुकानदार, ये रही आपके काम की बात…
Karva Chauth Jewellery Shopping Tips : त्योहारों का सीजन है. इस सीजन में फिलहाल करवा चौथ जल्द ही आने वाला है. इसके बाद दिवाली आएगी. करवा चौथ और दिवाली के मौके पर घरेलू महिलाएं अक्सर सोने-चांदी के गहनों की खरीद करती हैं. अगर आप भी करवा चौथ के लिए गहनों की खरीद का प्लान बना रहे हैं, तो आपको दुकानदारों की मुनाफावसूली या ठगी से बचने के तरीकों की जानकारी होनी चाहिए. आम तौर पर दुकानदार साल भर के इंतजार के बाद इसी त्योहारी सीजन के दौरान मुनाफावसूली करने में जुट जाते हैं.
Karva Chauth Jewellery Shopping Tips : त्योहारों का सीजन है. इस सीजन में फिलहाल करवा चौथ जल्द ही आने वाला है. इसके बाद दिवाली आएगी. करवा चौथ और दिवाली के मौके पर घरेलू महिलाएं अक्सर सोने-चांदी के गहनों की खरीद करती हैं. अगर आप भी करवा चौथ के लिए गहनों की खरीद का प्लान बना रहे हैं, तो आपको दुकानदारों की मुनाफावसूली या ठगी से बचने के तरीकों की जानकारी होनी चाहिए. आम तौर पर दुकानदार साल भर के इंतजार के बाद इसी त्योहारी सीजन के दौरान मुनाफावसूली करने में जुट जाते हैं.
आपको भी गहनों की खरीद करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा, जिससे आप सही दाम में असली गहने खरीद पाएंगे और दुकानदार आपको अपनी ठगी का शिकार भी नहीं बना पाएगा. इसके साथ ही, अगर आप ऑनलाइन ज्वेलरी खरीदते हैं तो फिर इस तरह की समस्याएं कम आती हैं. लेकिन अगर ज्वेलरी शॉप में जाकर खरीदते हैं तो जरूर सतर्क रहें.
दुकानदारों के बिल पर रखें पैनी नजर
दरअसल, सोने का भाव बाजार में गहनों के वजन और कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है. जब आप दुकानदारों से सोना खरीदते हैं, तो देखें कि बिल में क्या-क्या चार्ज जोड़ा गया है. अक्सर दुकानदार ग्राहकों को गुमराह करने के लिए बिल में कई तरह के चार्ज जोड़ देते हैं और ग्राहक जानकारी के अभाव में ठगी का शिकार हो जाते हैं.
ग्राहकों को केवल तीन तरह के चार्ज का करना होता है भुगतान
केंद्र सरकार के मुताबिक, गहनों की खरीद करते समय ग्राहकों को केवल तीन तरह के चार्ज का भुगतान करना पड़ता है. पहला, सोने के गहनों के वजन के हिसाब से कीमत, दूसरा मेकिंग चार्ज और तीसरा 3 फीसदी की दर जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है. दुकानदार को गहनों की खरीद के बदले पैसों का भुगतान आप ऑनलाइन करें या ऑफलाइन, इस पर आपको केवल 3 फीसदी जीएसटी चुकाना होगा.
बिल में अनाप-शनाप चार्ज जोड़ने पर आप दुकानदार के खिलाफ करें शिकायत
इसके अलावा अगर कोई दुकानदार आपके बिल में किसी भी तरह का अनाप-शनाप चार्ज करता है, तो फिर आप सवाल खड़े कर सकते हैं. कुछ दुकानदार पॉलिस वेट या फिर लेबर चार्ज के नाम पर कुछ रुपये अलग से चार्ज करते हैं. उनके द्वारा इस प्रकार का चार्ज वसूलना सरासर गलत है. आप बिल्कुल इसका भुगतान न करें और दुकानदार के खिलाफ शिकायत भी कर सकते हैं.
24 कैरेट सोना से नहीं बनते गहने
आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि सोने के गहने 24 कैरेट के नहीं बनते हैं. बाजार में उपलब्ध अधिकतर गहने 22 कैरेट और 18 कैरेट की होते हैं. इसलिए गहने खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि उस दिन सर्राफा बाजार में सोने का भाव क्या है, जिससे आप सही रेट पर गहने खरीद पाएंगे.
मेकिंग चार्ज पर मोल-भाव जरूर करें
गहनों की खरीद करते समय आप उसके मेकिंग चार्ज को लेकर मोल-भाव कर सकते हैं. हर ग्राहकों को इसका अधिकार है कि वह मोल-भाव जरूर करे. अधिकतर दुकानदार मोल-भाव के बाद मेकिंग चार्ज कम कर देते हैं. गहनों के निर्माण पर 30 फीसदी तक मेकिंग चार्ज लिया जाता है. आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि दुकानदार मेकिंग चार्ज से ही सबसे अधिक कमाई होती है.
हमेशा ऑरिजनल बिल लें
गहनों की खरीद करते समय आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि दुकानदार कहीं आपको डुप्लीकेट बिल न थमा दे, जिसमें जीएसटी चार्ज न जुड़ा हो. आप दुकानदार से हमेशा ऑरिजनल बिल लें, ताकि भविष्य में जब आप उस गहने को कहीं बेचने जाएं, तो उसकी शुद्धता और वजन को लेकर कोई समस्या पैदा न हो. शुद्धता के लिए केवल हॉलमार्क वाले गहनों की ही खरीद करें. हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं. सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता है. जैसे 22 कैरेट के सोना पर 916 लिखा होता है, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 का अंक लिखा होता है.
Posted By : Vishwat Sen
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