धैर्य के साथ थोड़ा-थोड़ा निवेश करते रहें
शेयरों में निवेश करनेवाले निवेशकों को बाजार में आयी गिरावट के बाद नुकसान दिख रहा है. ऐसे में निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए. वे अपना धैर्य बनाये रखें क्योंकि ऐसी परिस्थिति हमेशा के लिए नहीं बनी है.
प्रवीण मुरारका, निदेशक, पूनम सिक्यूरिटीज
कोरोना वायरस के वैश्विक कारोबार पर व्यापक असर हुआ है. पिछले कुछ दिनों से देश दुनिया के शेयर बाजारों में लगतार गिरावट आयी है. बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 42 हजार से उच्च स्तर से गिरकर 34 हजार पर आ गया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी जनवरी के उच्च स्तर 12300 से गिरकर 9955 अंक के स्तर पर आ गया है.
मार्च के महीने में ही तीन दिन भारी गिरावट आयी. 6 मार्च को 894 अंक, 9 मार्च को 1941 अंक और 12 मार्च को 2919 अंकों की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गयी. 13 अगस्त को भी बाजार में 3100 अंकों की गिरावट के बाद लोअर सर्किट लगा और 12 साल के बाद कारोबार को 45 मिनट के लिए रोक देना पड़ा. हालांकि इसके बाद दिन के कारोबार के बाद अंत में बाजार में 1300 अंकों की तेजी दर्ज की गयी.
शेयरों में निवेश करनेवाले निवेशकों को बाजार में आयी गिरावट के बाद नुकसान दिख रहा है. ऐसे में निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए. वे अपना धैर्य बनाये रखें क्योंकि ऐसी परिस्थिति हमेशा के लिए नहीं बनी है. यह गिरावट का एक दौर है जो एक बाहरी फैक्टर की वजह से है. जैसे ही कोरोना का असर कम होने लगेगा, बाजार में तेजी आयेगी और फिर यह अपने पुराने स्तर को पार कर जायेगा.
नुकसान देखनेवाले निवेशकों के लिए : अगर आपको लगता है कि अभी बाजार से पैसा नहीं निकालना है तो बाजार के इस नोशनल नुकसान की चिंता न करें. यह सिर्फ कागज पर ही है. वास्तविक नुकसान तब होता जब आप बाजार से पैसा निकाल लेते. इसलिए अभी समय है संयम रखने का. हड़बड़ी में कोई कदम न उठायें.
दो साल होल्डिंग बनायें रखें : अगर बाजार में आपको बहुत ज्यादा नुकसान दिख रहा है तो धैर्य न खोयें. अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं तो कम से कम दो साल का होल्डिंग पीरियड रखें. बाजार में रिकवरी आयेगी और आपको फायदा ही होगा.
थोड़ी-थोड़ी रकम से जारी रखें निवेश : जैसा कि बाजार की स्थिति है, लगभग सभी कंपनियों के शेयर के भाव में गिरावट आ चुकी है. ऐसे में थोड़े-थोड़े पैसों का निवेश लगातार जारी रखना चाहिए. हां, इस समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अच्छी कंपनियों के शेयर में ही निवेश करें. इन कंपनियों से भविष्य में बेहतर रिटर्न की संभावना बनी रहती है.
डेट-फ्री कंपनी का करें चुनाव: जब आप निवेश करने की सोचें तो सबसे पहले सही कंपनियों के शेयर का चुनाव महत्वपूर्ण होता है. इसलिए वैसी कंपनियों का चुनाव करें जिन पर किसी तरह का कोई कर्ज नहीं है यानी कंपनियां डेट-फ्री हों. जैसे नेस्ले, ब्रिटानिया, आइटीसी, बजाज फिनांस, बजाज फिनसर्व, पिडिलाइट आदि.
कंपनी का वैल्युएशन जरूर देखें : किसी कंपनी के शेयर को खरीदने से पहले उस कंपनी का वैल्यूएशन जरूर देखना चाहिए. इससे यह तय होता है कि भले ही कंपनी के शेयर का मूल्य कम हो, लेकिन उसके आगे बढ़ने की संभावना अधिक होती है.यानी उसमें पैसा डूबने का खतरा नहीं के बराबर होता है.
लो-लेवल देखकर न करें निवेश : पिछले दिनों बाजार में आयी गिरावट से 1106 कंपनियों के शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर आ गये थे. ऐसे में सिर्फ उनके लो-लेवल को देखते हुए निवेश करने का निर्णय नहीं लेना चाहिए. यह भी संभव है कि वह और नीचे चला जाये और आपकी चिंता बढ़ जाये.
निवेश या वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें : बाजार की उथल-पुथल के बीच जब असमंजस की स्थिति सामने हो और आप निर्णय नहीं ले पा रहे हैं तो किसी वित्तीय सलाहकार या निवेश सलाहकार की मदद जरूर लें.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.