Budget: केरल के वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण से मांगा स्पेशल पैकेज
Budget: केरल के वित्त मंत्री की ओर से कहा गया है कि केंद्र की तरफ से उधारी जुटाने पर लगाई पाबंदियों की वजह से केरल को 4,710 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. इन दो वर्षों के लिए तय की जा रही उधारी सीमा के अलावा 4,710 करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति दी जा सकती है.
Budget: केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर अपने राज्य के लिए स्पेशल पैकेज और राज्य के लिए अधिक उधारी की मंजूरी की मांग की है. केएन बालगोपाल ने निर्मला सीतारमण को केरल की मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा है. इसमें उन्होंने कहा है कि केरल राजकोषीय मजबूती की राह पर है, लेकिन केंद्र से राजस्व हस्तांतरण में कमी और उधारी से जुड़ी बंदिशों के कारण उसे गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.
वित्तीय संकट से जूझ रहा है केरल
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण्ण से मुलाकात करने के बाद केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद सीतारमण के वित्त मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह एक शिष्टाचार बैठक थी. उन्होंने कहा कि केरल का राजकोषीय मजबूती के मामले में बहुत अच्छा रिकॉर्ड रहा है. केरल इस समय वित्तीय संकट का सामना कर रहा है. उसने मौजूदा नकदी संकट से निपटने के लिए 2024-25 के केंद्रीय बजट में कम-से-कम 24,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिए जाने की मांग रखी है. इस पैकेज को 2024-25 से दो साल की अवधि में पूरा किया जाना है.
केरल ने अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उठाया मुद्दा
केरल की एक दूसरी मांग विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के लिए विशेष सहायता को लेकर है. निर्मला सीतारमण को दिए गए ज्ञापन के अनुसार, केंद्र सरकार से सीधे निवेश के अलावा हमें विझिनजम बंदरगाह क्षेत्र के विकास में अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के विशेष पूंजी निवेश समर्थन की तत्काल जरूरत है. हम कुछ अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (कालीकट और वायनाड के बीच सुरंग सड़क लिंक) के वित्तपोषण के लिए भी 5,000 करोड़ रुपये का अनुरोध करते हैं.
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केरल को उधारी जुटाने पर लगी है पाबंदी
केरल के वित्त मंत्री की ओर से दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र की तरफ से उधारी जुटाने पर लगाई पाबंदियों की वजह से केरल को मौजूदा और अगले वित्त वर्ष में लगभग 4,710 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. ज्ञापन के अनुसार, केरल ने कई बार केंद्र से इस पर पुनर्विचार करने और कम से कम इस वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के लिए उधार सीमा से इस राशि में कटौती रोकने का अनुरोध किया है. लिहाजा, इन दो वर्षों के लिए तय की जा रही उधारी सीमा के अलावा 4,710 करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति दी जा सकती है.
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