खादी के श्रमिकों और बुनकरों के लिए खुशखबरी, वेतन में 33 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन 84,290 करोड़ रुपये और बिक्री 1,15,415 करोड़ रुपये की हुई थी. इस साल 2 अक्टूबर को एक ही दिन में 1.34 करोड़ रुपये की खादी उत्पाद बेचने का नया रिकॉर्ड बनाया.
नई दिल्ली : खादी ग्रामोद्योग से जुड़े लाखों श्रमिकों, कारीगरों और बुनकरों के लिए एक खुशखबरी है. खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने इस क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों की आमदनी में बढ़ोतरी के लिए उनके मेहनताने में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने श्रमिकों की आमदनी में बढ़ोतरी के लिए उनका मेहनताना प्रति लच्छा के हिसाब से बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया. आयोग की इस पहल से कारीगरों को हर महीने होने वाली आमदनी में करीब 33 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. वहीं, आयोग ने बुनकरों की मजदूरी में 10 फीसदी तक वृद्धि करने का फैसला किया है. खादी के श्रमिकों और बुनकरों की आय में बढ़ोतरी करने का यह पहली अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा.
1 अप्रैल से होगा प्रभावी
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के कच्छ में 30 जनवरी 2023 को हुई बैठक में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने श्रमिकों की आमदनी में बढ़ोतरी के लिए उनके मेहनताने में 7.50 रुपये प्रति लच्छे से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लच्छा करने का फैसला किया है. आयोग के इस फैसले से कारीगरों की हर महीने होने वाली आमदनी में करीब 33 फीसदी तक बढ़ोतरी होगी. वहीं, बुनकरों आमदनी 10 फीसदी बढ़ेगी. रिपोर्ट के अनुसार, खादी श्रमिकों के मेहनताने में हुई बढ़ोतरी एक अप्रैल 2023 से प्रभावी किया जाएगा.
खादी उत्पाद की रिकॉर्ड बिक्री
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन 84,290 करोड़ रुपये और बिक्री 1,15,415 करोड़ रुपये की हुई थी. इस साल 2 अक्टूबर को खादी इंडिया के कनॉट प्लेस बिक्री केंद्र ने एक ही दिन में 1.34 करोड़ रुपये की खादी उत्पाद बेचने का नया रिकॉर्ड बनाया. इसके अलावा खादी उत्पादन एवं विक्रय के काम में लगे लाखों कारीगरों और अथक परिश्रम खादी श्रमिकों की भी इस कार्य में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है.
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खादी को वैश्विक बनाने की प्रक्रिया जारी
उन्होंने कहा कि श्रमिकों एवं कारीगरों की आमदनी में वृद्धि करने तथा अधिक से अधिक देशवासियों को खादी की ओर आकर्षित करने के लिए पारिश्रमिक में 33 फीसदी संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया. उन्होंने कहा कि खादी को वैश्विक स्तर पर स्थानीय परिधान बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 9 वर्षों के दौरान खादी के प्रति अपने आकर्षण और प्रेम से खादी को पुनर्जीवित किया है, जिसके परिणामस्वरूप खादी सहित भारत के स्वदेशी उत्पादों की मांग में बहुत वृद्धि हुई है.
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