13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अरे बाप रे! इतना महंगा चावल? कीमत जानकर चौंक जाएंगे आप

Kinmemai Rice: जापान में उपजाया जाने वाला दुनिया के सबसे महंगे चावल किन्मेमई काफी पौष्टिक होता है. इसका स्वाद अखरोट जैसा होता है, जो इसे खास बनाता है. पौष्टिकता के मामले में यह सफेद चावल से कहीं बेहतर होता है.

Kinmemai Rice: चावल भारत के खाद्यान्नों में प्रमुख है. आंध्र प्रदेश को धान का कटोरा कहा जाता है. हालांकि, इससे पहले एकीकृत मध्य प्रदेश को धान का कटोरा कहा जाता था, लेकिन मध्य प्रदेश से विभाजित होने के बाद यह तमगा छत्तीसगढ़ के हिस्से में चला गया था. फिलहाल, आंध्र प्रदेश धान का कटोरा बन गया है. इसका कारण यह है कि इस प्रदेश में करीब 77 फीसदी तक चावल का उत्पादन किया जाता है. धान या चावल की किस्मों में बासमती को सबसे कीमती और बेहतरीन माना जाता है. यह चावल की किस्मों में सबसे महंगी किस्म है, लेकिन आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि भारत का बासमती चावल ही सबसे महंगी किस्म नहीं है. दुनिया में चावल की एक और किस्म है, जो काफी महंगी है. आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि आप अपने घर के जितनी रकम में महीने भर का राशन लाते हैं, उतने पैसों में एक किलो चावल मिलता है. यह चावल भारत में नहीं, बल्कि एशियाई देश जापान में उगाया जाता है और इसका नाम किन्मेमई है.

महंगी होने से सुर्खियां बटोर रहा किन्मेमई चावल

जापान में उगाया जाने वाला किन्मेमई चावल महंगा होने की वजह से दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहा है. जापान में एक किलो किन्मेमई चावल की कीमत करीब 15,000 रुपये है. इसे खास प्रकार की तकनीक के माध्यम से उपजाया जाता है. यह काफी स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहत के लिए लाभदायक भी माना जाता है. इसकी खासियत यह है कि इस पकाने से पहले पानी से धोने की जरूरत नहीं पड़ती. इसका इस्तेमाल करने से पानी की बचत होती है.

जापान में कौन उगाता है किन्मेमई चावल

जापान में दुनिया के सबसे महंगे चावल किन्मेमई का उत्पादन टोयो राइस कॉरपोरेशन नामक कंपनी करती है. यह दुनिया की एकमात्र कंपनी है, जो सबसे महंगे चावल किन्मेमई को उपजाता है. इस कंपनी की स्थापना साल 1961 में की गई थी और इसका मुख्यालय वाकायामा में है.

अखरोट जैसा होता है किन्ममेई चावल का स्वाद

हिंदी के अखबार नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जापान में उपजाया जाने वाला दुनिया के सबसे महंगे चावल किन्मेमई काफी पौष्टिक होता है. इसका स्वाद अखरोट जैसा होता है, जो इसे खास बनाता है. पौष्टिकता के मामले में यह सफेद चावल से कहीं बेहतर होता है. इसे स्वाद और पौष्टिकता के मिश्रण के लिए शानदार विकल्प माना जाता है. किन्मेमई की ब्राउन राइस नामक किस्म भी काफी पौष्टिक होता है. अपने अनूठे शाहबलूती रंग की वजह से इसे असाधारण पोषण सामग्री के तौर पर जाना जाता है.

इसे भी पढ़ें: रोजाना 50 रुपये की बचत पर 5 करोड़ की मोटी कमाई, एसआईपी से ऐसे मिलेगा मेगारिटर्न

कई रोगों से सुरक्षा करता है किन्मेमई चावल

किन्मेमई का उत्पादन करने वाली कंपनी टोयो राइस कॉरपोरेशन का कहना है कि किन्मेमई में साधारण सफेद चावलों के मुकाबले 1.8 गुना फाइबर, 7 गुना अधिक बिटामिन बी-1 और 6 गुना अधिक लिपोपॉलीसेकेराइड होता है. इसे नेचुरल इम्युनिटी बूस्टर भी माना जाता है. कंपनी की ओर से दावा किया जाता है कि किन्मेमई चावल फ्लू, संक्रमण, कैंसर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करता है. इसे काफी सुपाच्य भी माना जाता है.

इसे भी पढ़ें: पंजाब डियर दिवाली बंपर लॉटरी में 3 करोड़ जीतने का सुनहरा चांस, जानें कब होगा ड्रॉ

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें