Kisan Credit Card : भले ही देश की राजनीतिक पार्टियां केंद्र और राज्य सरकारों से किसानों की कर्जमाफी की मांग करते हों, लेकिन यह हकीकत है कि आज भी देश के लाखों किसान कर्ज लेकर ही खेती का काम करते हैं. हालांकि, किसानों की सहूलियत और कर्ज से मुक्ति के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना यानी पीएम किसान योजना जैसी कई स्कीम चलाई जा रही है. मोदी सरकार ने मार्च 2021 तक देश के किसानों को करीब 15 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण बांटने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है, लेकिन आंकड़े यह भी बताते हैं कि देश के करीब 58 फीसदी से अधिक किसान अब भी कर्ज के भार तले दबे हुए हैं.
उधर, कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी यह भी कि सरकार की ओर से किसान क्रेडिट कार्ड को पीएम किसान योजना से लिंक कर दिया गया है. इससे अब खेती करने वाले किसानों के लिए कर्ज लेना आसान हो गया है.
जो किसान वक्त पर कर्ज का भुगतान कर सकते हैं, उन्हें सरकार से कर्ज लेकर अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से केवल 7 फीसदी ब्याज पर 3 लाख रुपये तक कर्ज मिल जाता है. अगर वे वक्त पर कर्ज का पैसा लौटा देते हैं, उन्हें ब्याज में 3 फीसदी की छूट मिल जाती है. यानी 3 लाख रुपये के कर्ज पर उन्हें केवल 4 फीसदी ही ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा. सबसे बड़ी बात यह है कि किसान क्रेडिट कार्ड से अब केवल देश मे अन्न उपजाने वाला किसान ही नहीं, बल्कि मत्स्य और पशुपालन करने वाले भी कर्ज ले सकते हैं.
किसान क्रेडिट कार्ड आसानी से जारी करेंगे बैंक
केंद्र सरकार के पास पीएम किसान योजना के तहत देश के करीब 11 करोड़ किसानों की जमीन का रिकॉर्ड और उनका बायोमीट्रिक जमा है. अब सरकार की ओर से पीएम किसान योजना के साथ किसान क्रेडिट कार्ड को लिंक कर देने के बाद बैंक अधिकारी आवेदन करने वाले को कर्ज देने में आनाकानी नहीं कर सकेंगे. आंकड़ों के अनुसार, देश में इस समय करीब 8 करोड़ लोगों के किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध है. सरकार का लक्ष्य है ककि पीएम किसान योजना के सभी लाभार्थियों के पास यह कार्ड भी हो.
देश में 58 फीसदी किसान कर्जदार
लोकसभा में पेश एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के हर किसान पर औसतन करीब 47,000 रुपये कर्ज का भार है. इसमें औसतन प्रति किसान 12,130 रुपये का कर्ज साहूकारों का है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने ऐसी व्यवस्था बनाई है, जिसमें करीब 58 फीसदी अन्नदाता कर्जदार हैं. एनएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार, साहूकारों से सबसे अधिक 61,032 रुपये प्रति किसान औसत कर्ज आंध्र प्रदेश में है. दूसरे नंबर पर 56,362 रुपये औसत के साथ तेलंगाना है और तीसरे नंबर पर 30,921 रुपये के साथ राजस्थान है.
किसानों के दुष्चक्र में फंसकर अपनी जान तक दे देते हैं किसान
साहूकारों से कर्ज लेने के बाद वे उनके दुष्चक्र में ऐसे फंस जाते हैं कि उनका सब कुछ बिक जाता है. इतना ही नहीं, पैसा नहीं लौटा पाने की स्थिति में वे जान दे देने तक मजबूर हो जाते हैं. हालांकि, किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए कर्ज लेने पर उन्हें मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ता है और वे आसान किस्तों पर कर्ज की अदायगी भी कर देते हैं. दरअसल, किसानों के कर्ज को आसान बनाने के लिए सरकार ने वर्ष 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की थी.
इन दस्तावेजों पर बनेगा किसान क्रेडिट कार्ड
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की पड़ताल करने के लिए उसके राजस्व रिकॉर्ड का मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आवेदक किसान है या नहीं. दूसरा, व्यक्ति की पहचान के लिए आधार नंबर, पैन नंबर, पासपोर्ट साइज की फोटो और उससे एफीडेविड लिया जाएगा. एफीडेविड पर यह बताना होगा कि किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने वाले व्यक्ति का किसी बैंक में कर्ज बाकी तो नहीं है. सरकार ने बैंकिंग एसोसिएशन से किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के काम में तेजी लाने को कहा है. सरकार की सलाह पर ही बैंकों ने इसकी प्रोसेसिंग फीस खत्म कर दी है, जबकि पहले इसे बनवाने के लिए 2 से 5 हजार रुपये तक की प्रोसेसिंग फीस की वसूली की जाती थी.
किसान केडिट कार्ड बनवाने के लिए कौन कर सकता है आवेदन
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए अब केवल अन्न उपजाने वाला व्यक्ति ही आवेदन नहीं कर सकता, बल्कि पशुपालन और मत्स्यपालन करने वाला भी इस कार्ड के जरिए कर्ज ले सकता है. पशुपालन और मत्स्यपालन करने वाले को इसके तहत 2 लाख रुपये तक कर्ज मिल सकेगा. इसका लाभ लेने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल होनी चाहिए. किसान की उम्र 60 साल से अधिक है, तो एक सह-आवेदक की जरूरत पड़ सकती है, जिसकी उम्र 60 से कम हो. किसान के फॉर्म भरने के बाद बैंक कर्मचारी देखेगा कि आप इसके लिए योग्य हैं या नहीं.Loan Moratorium : 5 नवंबर तक कर्जदारों के खातों में आ जाएगा कैशबैक का पैसा, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार तक टाली सुनवाई
Posted By : Vishwat Sen
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