Indians in US: हाल ही में अमेरिका गई 26 वर्षीय रेशमा येल्लापु को जब पहली बार पता चला कि बोस्टन, मैसाचुसेट्स स्टेट में सिंगल-बेडरूम फ्लैट का मासिक किराया 2,500 डॉलर है, तो वह अचंभित रह गई. दरअसल, सिंगल-बेडरूम फ्लैट के लिए मासिक किराया के तौर पर उन्हें भारतीय करेंसी के रूप में 2 लाख रुपये (₹80 प्रति डॉलर की विनिमय दर पर) देना था.
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, रेशमा येल्लापु की तरह अधिकांश भारतीय प्रचलित विनिमय दर का उपयोग करके विदेशी मुद्रा-संप्रदाय संख्याओं को भारतीय रुपये में परिवर्तित करते हैं. लेकिन, किसी भी आय/व्यय को सीधे विनिमय दर के साथ परिवर्तित करने में एक अंतर्निहित दोष है, क्योंकि दोनों देशों में रहने की लागत में काफी अंतर हो सकता है. उदाहरण के लिए, अमेरिका में $100,000 का वेतन एक जीवन शैली का समर्थन कर सकता है, जो भारत केवल ₹23.14 लाख (क्रय शक्ति समानता के अनुसार) के लिए प्रदान करता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि भारत में रहने की लागत तुलनात्मक रूप से कम है.
मर्सर के ‘कॉस्ट ऑफ लिविंग सर्वेक्षण, 2022 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर हांगकांग में रहने के लिए दुनिया के अन्य शहरों की तुलना जेब पर सबसे अधिक भार पड़ेगा. वहीं, जिनेवा का ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड का बासेल और बर्न, इजराइल का तेल अवीव, अमेरिका का न्यूयॉर्क, सिंगापुर, जापान का टोक्यो और चीन का बीजिंग भी सबसे खर्चीले शहरों में शामिल है.
सर्वेक्षण के अनुसार, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारत में मुंबई अपने कारोबार को स्थापित करने के लिए सबसे पसंदीदा शहर है. इसके अलावा, हैदराबाद में रहना सबसे सस्ता है. हालांकि, यह रहन-सहन के मामले में पुणे और कोलकाता से महंगा है. जबकि, मुंबई में किराये पर घर लेना सबसे महंगा है. इसके बाद नयी दिल्ली और बेंगलुरु का नंबर आता है.
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