13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Liquor Sale: जानिए कब से खुलेंगी शराब की दुकानें, क्या चाहती हैं सरकारें

liquor sale: देश में लागू लॉकडाउन 2.0 के दौरान केंद्र सरकार के द्वारा आंशिक तौर पर आर्थिक गतिविधियां शुरू किये जाने के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर सूबे में शराब और बीयर के उत्पादन शुरू करने की अनुमति के बाद कई राज्यों को एहतियाती कदम के साथ शराब की बिक्री शुरू होने की संभावना नजर आने लगी है.

Liquor Sale: देश में लागू लॉकडाउन 2.0 के दौरान केंद्र सरकार के द्वारा आंशिक तौर पर आर्थिक गतिविधियां शुरू किये जाने के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर सूबे में शराब और बीयर के उत्पादन शुरू करने की अनुमति के बाद कई राज्यों को एहतियाती कदम के साथ शराब की बिक्री शुरू होने की संभावना नजर आने लगी है. मगर, फिलहाल 3 मई तक इस बात पर असमंजस ही बना हुआ है कि देश में शराब की बिक्री पहले की तरह शुरू की जा सकेगी. हालांकि, पिछले दिनों ही शराब विक्रेताओं के संगठन सीआईएबीसी (कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज) ने सरकार से पहले ही शराब की ऑनलाइन बिक्री और शराब की दुकानों को धीरे-धीरे खोले जाने की मांग की है.

Also Read: अनाज-पानी के साथ शराब की भी हो सकती है होम डिलीवरी, अगर सरकार ने मान ली वाइन इंडस्ट्री की ये बात…

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, सीआईएबीसी ने केंद्र सरकार से अपील की है कि लॉकडाउन के कारण शराब उद्योग को वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तथा लोगों की नौकरियां जा रही हैं. शराब बनाने वाली कंपनियों के संगठन ‘कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज’ ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि जब से लॉकडाउन लागू हुआ है, शराब का थोक और खुदरा व्यापार ठप हो गया है. उसने कहा कि हम यह मांग करते हैं कि कोविड-19 की रोकथाम के दिशानिर्देशों पर अमल की शर्त के साथ शराब उद्योग को तत्काल धीरे-धीरे खोला जाए.

संगठन के महानिदेशक विनोद गिरी ने तर्क देते हुए सरकार से अपील की है कि शराब उद्योग विभिन्न करों के जरिये करीब दो लाख करोड़ रुपये का राजस्व देता है. इससे करीब 40 लाख किसानों की आजीविका भी इससे जुड़ी है. मौजूदा खराब हालात में भी यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके करीब 20 लाख लोगों को रोजगार दिए हुए है. उन्होंने कहा कि दुकानों को ऑनलाइन आवेदन के जरिये होम डिलिवरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को कहा जाना चाहिए. सरकार इसके लिए लाइसेंस शुल्क के अलावा अलग से शुल्क ले सकती है. हर पात्र दुकानों को होम डिलिवरी के लिए तीन-चार कर्फ्यू पास दिये जाने चाहिए.

उधर, अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर में इस बात का जिक्र किया गया है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी शराब की बिक्री शुरू करने के लिए एक्साइज विभाग से एक रिपोर्ट मांगी है. अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें विभाग को एहतियाती कदम उठाते हुए शराब की दुकान खोलने की अनुमति दी गयी है, ताकि शराब की दुकानें खोले जाने से लॉकडाउन किसी प्रकार से प्रभावित न हो. अखबार के अनुसार, देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से दिल्ली की 860 से अधिक शराब की दुकानें बंद हो गयी हैं. इसके साथ ही, शराब की बिक्री से दिल्ली सरकार को करीब 5,000 करोड़ रुपये के राजस्व की आमदनी होती है. खबर यह भी है कि दिल्ली सरकार को शराब की बिक्री बंद होने से हर महीने करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.

वहीं, अंग्रेजी की कारोबारी वेबसाइट मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर राज्यों ने शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है, लेकिन इस महामारी की चुनौती से निबटने और चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने में राज्य सरकारों को अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है. अब शराब की बिक्री बंद होने की वजह से राज्यों को अपने कुल आमदनी से करीब 25 फीसदी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा, असम, अरुणाचल और मेघालय समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में आंशिक रूप से शराब की बिक्री की जा रही थी, लेकिन इन राज्यों में शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है. अब जबकि आगामी 20 अप्रैल से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां शुरू की जाएंगी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शराब और बीयर के उत्पादन करने की अनुमति दे दी है, तो देश के ज्यादातर राज्यों, शराब निर्माता कंपनियों और शराब के आदी उपभोक्ताओं में इस बात की उम्मीद जगी है कि सरकार की ओर से आंशिक तौर पर शराब की बिक्री में जल्द ही ढील दी जा सकती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें