Kotak Mahindra Bank Share: अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में नाम आने पर प्राइवेट सेक्टर के महिंद्रा कोटक बैंक के शेयर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. इस मामले में सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) की ओर से अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग को कारण नोटिस जारी किया गया है. अंग्रेजी की वेबसाइट इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी(SEBI) के कारण बताओ नोटिस के बाद हिंडनबर्ग ने अपने जवाब में कहा है कि कोटक महिंद्रा बैंक ने अदाणी के शेयरों के खिलाफ दांव लगाने के लिए ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर तैयार किया और उसकी देखरेख की. हिंडनबर्ग के इस जवाब के बाद मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर शुरुआती कारोबार में 4 फीसदी गिरकर 1,737 रुपये पर आ गए. खबर लिखे जाने तक दोपहर बाद ढाई बजे तक कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर 2.14 फीसदी गिरावट के साथ 1,769.35 रुपये के स्तर पर पहुंच गए थे.
हिंडनबर्ग कभी भी ग्राहक नहीं रहा: Kotak Mahindra Bank
अंग्रेजी की पत्रिका इंडिया टुडे की वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोटक महिंद्रा इंटरनेशनल लिमिटेड (केएमआईएल) ने मंगलवार को स्पष्ट किया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) कभी भी उनके फंड का ग्राहक या निवेशक रहा ही नहीं है. कोटक महिंद्रा की ओर से यह यह स्पष्टीकरण तब आया है, जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी के कारण बताओ नोटिस के जवाब में कोटक महिंद्रा बैंक का नाम लिया है. कंपनी ने कहा है कि कोटक महिंद्रा इंटरनेशनल लिमिटेड (केएमआईएल) और केआईओएफ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंडनबर्ग कभी भी फर्म का ग्राहक नहीं रहा है और न ही वह कभी फंड में निवेशक रहा है.
अदाणी ग्रुप ने रिपोर्ट में लगाए आरोप नहीं दिया जवाब : हिंडनबर्ग
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंडनबर्ग ने कहा कि उसे 27 जून को सेबी से एक ईमेल मिला तथा बाद में एक कारण बताओ नोटिस भेजा गया, जिसमें भारतीय नियमों के संदिग्ध उल्लंघन का जिक्र किया गया था. कंपनी ने कहा कि आज तक अदाणी ग्रुप हमारी रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का जवाब देने में विफल रहा है. इसके बजाय उन्होंने हमारे द्वारा उठाए गए हर प्रमुख मुद्दे को नजरअंदाज करते हुए जवाब दिया और बाद में मीडिया में लगाए गए आरोपों का पूरी तरह खंडन किया है.
सेबी के नोटिस में Kotak Mahindra Bank का नाम स्पष्ट नहीं
हिंडनबर्ग ने कहा कि जनवरी 2023 की रिपोर्ट ने (ग्रुप के चेयरमैन) गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी और करीबी सहयोगियों की ओर से नियंत्रित ऑफशोर शेल इंटिटीज के एक विशाल नेटवर्क का सबूत प्रदान किया था. इसमें कहा गया कि हमने विस्तार से बताया कि अक्सर संबंधित पक्षों की जानकारी के बिना किस तरह इन संस्थाओं के जरिए अरबों रुपये चोरी-छिपे अदाणी की संस्थाओं में और बाहर भेजे गए. सेबी के नोटिस में कोटक महिंद्रा बैंक का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिखा गया है, जिसके साथ हिंडनबर्ग का संबंध है.
हिंडनबर्ग ने लगाया पावरफुल व्यक्ति जांच से बचाने का आरोप
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हिंडनबर्ग ने कहा कि हमें संदेह है कि सेबी की ओर से कोटक या कोटक बोर्ड के किसी अन्य सदस्य का जिक्र न करने का उद्देश्य एक अन्य पावरफुल भारतीय व्यवसायी को जांच की संभावना से बचाना हो सकता है. सेबी ऐसा करता प्रतीत होता है. इसने खुलासा किया था कि कोटक महिंद्रा बैंक ने एक ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाई और उसकी देखरेख की, जिसका इस्तेमाल उसके निवेशक साझेदार ने ग्रुप के खिलाफ किया, लेकिन यह भी कहा कि यह अपने व्यापार में मुश्किल से ही बराबरी पर आ पाएगा.
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हिंडनबर्ग ने शेयरों में हेराफेरी का लगाया था आरोप
हिंडनबर्ग ने फरवरी 2023 को अदाणी ग्रुप पर शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. उस समय ग्रुप ने सभी आरोपों से इनकार किया था. यह रिपोर्ट आने के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में 150 अरब डॉलर से अधिक की बिकवाली हुई थी. इसका असर यह हुआ था कि 2023 की शुरुआत में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर उद्यमी के रूप में सूचीबद्ध गौतम अडाणी टॉप 20 से भी बाहर हो गए. बाद में ग्रुप ने इस नुकसान की काफी हद तक भरपाई की.
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