जानिए कौंन हैं दीपक गुप्ता जिन्हें RBI ने दी कोटक महिंद्रा बैंक की कमान, दो महीने के लिए बनाए गए MD-CEO
Kotak Mahindra Bank MD-CEO: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उदय कोटक (Uday Kotak) के इस्तीफे के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के अंतरिम प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में दीपक गुप्ता (Deepak Gupta) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.
Kotak Mahindra Bank MD-CEO: देश के चौथे सबसे बड़े निजी बैंक कोटक महिंद्रा को नया सीईओ मिल गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उदय कोटक (Uday Kotak) के इस्तीफे के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के अंतरिम प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में दीपक गुप्ता (Deepak Gupta) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. कोटक महिंद्रा बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि आरबीआई ने सात सितंबर, 2023 को अपने पत्र के माध्यम से गुप्ता की नियुक्ति को मंजूरी दी. उनकी नियुक्ति दो सितंबर, 2023 से दो महीने के लिए प्रभावी है. उम्मीद है कि आरबीआई इस दौरान बैंक के पूर्णकालिक एमडी की नियुक्ति को मंजूरी दे देगा. उदय कोटक ने अपने कार्यकाल से लगभग चार महीने पहले एक सितंबर को बैंक के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था.
कौन हैं दीपक गुप्ता
दीपक गुप्ता MD-CEO बनाये जाने से पहले कोटक महिंद्रा बैंक के दूसरे सबसे सीनियर एग्जिक्यूटिव थे. बैंक में वो कई भुमिकाओं पर रह चुके हैं. उन्होंने IT, साइबर सिक्योरिटी, कस्टमर एक्सपीरियंस और बिजनेस इंटेलिजेंस के हेड के पद पर रह चुके हैं. दीपक गुप्ता ने कोटक महिंद्रा फाइनेंस (KMFL) में 1999 में नौकरी शुरू की थी. कोटक को खड़ा करने में उनकी काफी अहम भूमिका मानी जाती है. वर्ष 2003 में कोटक महिंद्रा बैंक को एनबीएफसी से बैंक का दर्जा मिल गया. इसके बाद, दीपक गुप्ता कोटक महिंद्रा प्राइमस के पहले सीईओ थे. ये केएमएफएल और फोर्ड क्रेडिट का ज्वाइंट वेंचर था. कोटक में नौकरी करने से पहले दीपक गुप्ता ने AF Ferguson के कंसल्टेंसी डिवीजन में काम किया था. कुल मिलाकर कॉर्पोर्ट में दीपक गुप्ता का अनुभव काफी लंबा है.
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आईआईएम-अहमदाबाद से किया है एमबीए
कोटक महिंद्रा के नए सीईओ दीपक गुप्ता ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने आईआईएम-अहमदाबाद से मैनेजमेंट की पढ़ाई की. सीईओ बनने के बाद दीपक गुप्ता के पास बड़ी जिम्मेदारी सामने आयी है. बैंक के सामने सबसे बड़ी चिंता अनसेक्योर्ड लोन की ग्रोथ है. इसे लेकर एनालिस्ट्स चिंता जता चुके हैं. इस वर्ष जून 2023 में कुल लोन बुक में रिटेल अनसेक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी में 10.7 फीसदी थी. हालांकि, कोटक महिंद्रा बैंक के रिटेल माइक्रोफाइनेंस लोन में 91 फीसदी उछाल पिछले साल देखने को मिला. वर्तमान में उदय कोटक और उनके परिवार का बैंक में इक्विटी शेयर कैपिटल में 25.95 फीसदी है. जबकि, बैंक के पेड-अप कैपिटल में 17.26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.
कार्यकाल खत्म होने के पहले कोटक ने दिया इस्तीफा
उदय कोटक ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से चार महीने पहले ही एक सितंबर को कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी एवं सीईओ का पद छोड़ दिया है. बैंक के एमडी एवं सीईओ पद से हटने के बाद कोटक बैंक के गैर-कार्यकारी निदेशक बन गए हैं. उनकी बैंक में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है. नए मुखिया को एक जनवरी, 2024 या उसके पहले अपना कार्यभार संभालना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द ही निजी क्षेत्र के इस बैंक के नए मुखिया की नियुक्ति पर कोई फैसला करेगा. हालांकि, शीर्ष पद पर कोई फैसला न होने तक बैंक के संयुक्त प्रबंध निदेशक दीपक गुप्ता 31 दिसंबर, 2023 तक अंतरिम तौर पर बैंक के एमडी एवं सीईओ का दायित्व निभाते रहेंगे. हालांकि, गुप्ता की इस नियुक्ति को आरबीआई की मंजूरी मिलनी अभी बाकी है.
बैंक का उत्तराधिकार मेरे दिमाग में सबसे महत्वपूर्ण: उदय
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उदय कोटक ने कहा था कि कोटक महिंद्रा बैंक का उत्तराधिकार मेरे दिमाग में सबसे महत्वपूर्ण है. इसकी वजह यह है कि हमारे चेयरमैन, खुद मुझे और संयुक्त प्रबंध निदेशक को साल के अंत तक पद छोड़ना होगा. मैं यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक हूं. कोटक ने इस बदलाव की शुरुआत सीईओ पद स्वेच्छा से छोड़ने की घोषणा के साथ की थी. उन्होंने कहा कि था कि बैंक को प्रस्तावित उत्तराधिकारी के नाम पर आरबीआई की मंजूरी मिलने का इंतजार है. कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक कोटक ने एक बार कहा था कि मैंने जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन साक्स जैसे संस्थानों को वित्तीय जगत पर दबदबा बनाते हुए देखा था और भारत में भी ऐसी एक संस्था बनाने का सपना देखा था. मैंने इसी सपने के साथ 38 साल पहले तीन कर्मचारियों के साथ कोटक महिंद्रा की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा था कि कोटक महिंद्रा बैंक अब एक प्रतिष्ठित बैंक एवं वित्तीय संस्थान है जो भरोसे और पारदर्शिता के बुनियादी सिद्धांतों पर बनाया गया है.
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तीन कर्मचारियों के साथ शुरू किया था बैंक
कोटक महिंद्र के पूर्व सीईओ उदय कोटक ने 38 साल पहले तीन कर्मचारियों के साथ कोटक महिंद्रा की शुरुआत की थी, जो आज एक प्रतिष्ठित बैंक और वित्तीय संस्थान है. उन्होंने कहा कि हमने अपने हितधारकों के लिए मूल्य तैयार किया है और एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां दी हैं. वर्ष 1985 में हमारे साथ 10,000 रुपये का निवेश आज लगभग 300 करोड़ रुपये का होगा. मुझे विश्वास है कि यह भारतीय स्वामित्व वाली संस्था भारत को एक सामाजिक और आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए आगे भी अपनी भूमिका निभाती रहेगी. कोटक ने बैंक के चेयरमैन प्रकाश आप्टे को हाथ से लिखे एक संदेश में कहा कि अब आगे बढ़ने का समय आ गया है और अपने कार्यकाल की समाप्ति से तीन महीने पहले इस्तीफा देने का निर्णय इस प्रक्रिया को क्रमबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए लिया गया है. आप्टे का कार्यकाल भी 31 दिसंबर 2023 को खत्म हो रहा है.
कौंन हैं उदय कोटक
उदय कोटक एक भारतीय व्यापारी है और कोटक महिंद्रा बैंक की अध्यक्ष एवं मान्यता प्राप्त वित्तीय उद्यमी हैं. वह एक समृद्ध व्यापारी और बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख नेता के रूप में प्रसिद्ध हैं. उदय कोटक का जन्म 15 मार्च 1959 को हुआ था, और वे गुजरात के ज़ामनगर शहर में पैदा हुए थे. उन्होंने मुंबई में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बनने के बाद वित्तीय क्षेत्र में करियर की शुरुआत की. उदय कोटक ने 2003 में कोटक महिंद्रा बैंक की स्थापना की, जिसे वे अब भी अध्यक्ष के रूप में सेवा कर रहे हैं. कोटक महिंद्रा बैंक भारतीय वित्तीय बाजार में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और यह एक प्रमुख निजी बैंक है जिसमें विभिन्न वित्तीय सेवाएं प्रदान की जाती हैं. उदय कोटक को वित्तीय क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं, और वे भारतीय व्यवसायिक समुदाय के महत्वपूर्ण सदस्य माने जाते हैं.
क्रिकेटर बनना चाहते थे कोटक महिंद्र
उदय महिंद्रा 1970 के दशक में मुंबई में पले-बढ़े उदय कोटक एक क्रिकेटर बनना चाहते थे. उन्होंने महान कोच रमाकांत आचरेकर से प्रशिक्षण लिया. हालांकि फील्ड में लगी चोट के कारण उन्हें वित्त की ओर रुख करना पड़ा. उन्होंने 1985 में कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड नामक एक फाइनेंस फर्म शुरूआत की. उन्होंने 2003 में इसे एक बैंक में बदल दिया. उदय ने अपना वित्त और बिल डिस्काउंटिंग व्यवसाय परिवार और दोस्तों से उधार ली गई प्रारंभिक पूंजी से शुरू किया. निवेश का बड़ा हिस्सा उनके सबसे अच्छे दोस्त आनंद महिंद्रा ने दिया इसलिए बैंक का नाम कोटक महिंद्रा रखा गया. 23 साल की उम्र में, उदय कोटक ने एक वित्तीय परामर्श कंपनी कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड की शुरुआत की, जो बाद में कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड बन गई.
जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से की है पढ़ाई
मुंबई में पले बढ़े उदय कोटक की शिक्षा भी वहीं से हुई है. उन्होंने जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री और एमएमएस की डिग्री है. वर्तमान में उनके पास बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है. उदय कोटक की शादी पल्लवी कोटक से हुई है. इनके दो बच्चे हैं और वे मुंबई में रहते हैं.
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