UltraTech Cement AGM: आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) ने अल्ट्राटेक सीमेंट की वार्षिक रिपोर्ट आज पेश किया. इस दौरान उन्होंने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की आर्थिक दास्तान एक ‘अधिक चमकदार तस्वीर’ पेश करता है और ढांचागत क्षेत्र को सरकार के प्रोत्साहन और व्यावहारिक नीतियों से निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय बढ़ा है. आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन बिड़ला ने अल्ट्राटेक सीमेंट की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा है कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि के विशाल रंगमंच पर भारत सिर्फ एक दर्शक के रूप में खड़ा न होकर एक करिश्माई नेतृत्व प्रदान कर रहा है. उन्होंने कहा कि ढांचागत क्षेत्र में निवेश को सरकार के प्रोत्साहन और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) जैसी व्यावहारिक नीतियों से निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय बढ़ा है. इससे कई वर्षों तक चलने वाला तेजी का दौर शुरू होता है जो नरम पड़ती वैश्विक मांग में भी आर्थिक वृद्धि को मूल्यवान समर्थन देता है.
‘चीन प्लस वन’ का भारत उठाये फायदा
कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि वैश्विक स्तर पर परिचालन करने वाली कंपनियां अब ‘चीन प्लस वन’ रणनीति के तहत अन्य देशों पर नजरें टिकाए हुए हैं और भारत इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए बेहतर स्थिति में है. उन्होंने वैश्विक स्तर पर और भारत में मुद्रास्फीति के अब चरम पर पहुंच जाने का जिक्र करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति में कमी, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और बैंक संपत्तियों की गुणवत्ता में सुधार वैश्विक बाजारों में संभावित अस्थिर घटनाओं के खिलाफ एक बड़ा सहारा प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि किसी भी औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास का एक प्रमुख घटक आत्मविश्वास से भरपूर एवं कुशल कार्यबल की मौजूदगी है. भारत ने जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है और पहले से ही यहां विश्व स्तर पर सबसे बड़ी और सबसे युवा कामकाजी उम्र वाली आबादी है.
अल्ट्राटेक सीमेंट ने कमाया बंपर मुनाफा
बिड़ला ने अल्ट्राटेक सीमेंट के प्रदर्शन पर कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 63,240 करोड़ रुपये (7.9 अरब डॉलर) का शुद्ध राजस्व अर्जित करने के साथ 10 करोड़ टन सीमेंट बिक्री का मुकाम भी हासिल किया है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने विस्तार के अगले चरण पर पहले ही काम शुरू कर दिया है और सभी मौजूदा परियोजनाएं पूरी होने के बाद इसकी उत्पादन क्षमता 16 करोड़ टन सालाना से अधिक हो जाएगी.
2030 तक भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी: अडाणी
गौतम अडाणी ने अपने एडीएम में दावा किया कि भारत जो पहले से ही दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, 2030 से पहले दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनकर दुनिया के सामने उभरेगा. वहीं, 2050 तक भारत दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. गौतम अडाणी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी भविष्यवाणी करते हुए कहा कि 2050 तक भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा. उन्होंने कहा कि मेरा अनुमान है कि अगले दशक में भारत हर 18 महीने में अपनी GDP में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ना शुरू कर देगा.
भारत घरेलू खपत से सुरक्षित: अजय बंगा
विश्व बैंक के प्रमुख अजय बंगा ने भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर सुस्ती होने के बावजूद अपने घरेलू खपत की वजह से सुरक्षित है. उच्च आय वाली नौकरियों में संभावित वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर बंगा ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि ये नौकरियां कहां पर हैं. ये नौकरियां प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हैं और बहुत कम संख्या में हैं. फिर विनिर्माण क्षेत्र में ऐसी नौकरियां हैं. भारत के सामने फिलहाल यह मौका है कि वह ‘चीन प्लस वन’ रणनीति का फायदा उठाए. चीन प्लस वन रणनीति का मतलब है कि दुनिया के विकसित देशों की कंपनियां अब अपने विनिर्माण केंद्र के तौर पर चीन के साथ किसी अन्य देश को भी जोड़ना चाहती हैं. इसके लिए भारत भी एक संभावित दावेदार के तौर पर उभरकर सामने आया है. भारत को यह भी ध्यान रखना होगा कि चीन प्लस वन रणनीति से मिलने वाला अवसर उसके लिए 10 वर्षों तक नहीं खुला रहेगा. यह तीन से लेकर पांच साल तक उपलब्ध रहने वाला अवसर है जिसमें आपूर्ति शृंखला को अन्य देश में ले जाने या चीन के साथ अन्य देश को जोड़ने की जरूरत है.
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