लॉकडाउन में मकान मालिकों की दरियादिली : 16% ने दो महीने का किराया छोड़ा, तो 41% ने दी मोहलत
कौन कहता है कि कोरोना वायरस महामारी में देश में जारी लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों के मकान मालिक बिना किराये के उन्हें घर में रहने नहीं दे रहे या फिर बिना पैसे दिये मकान से निकाल-बाहर कर रहे हैं? अगर शुक्रवार को जारी की गयी सर्वे रिपोर्ट पर भरोसा किया जाए, तो संचार माध्यमों के जरिये प्रवासियों के साथ तथाकथित तौर पर मकान मालिकों के दुर्व्यवहार की बात तो बेमानी ही साबित होती है.
नयी दिल्ली : कौन कहता है कि कोरोना वायरस महामारी में देश में जारी लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों के मकान मालिक बिना किराये के उन्हें घर में रहने नहीं दे रहे या फिर बिना पैसे दिये मकान से निकाल-बाहर कर रहे हैं? अगर शुक्रवार को जारी की गयी सर्वे रिपोर्ट पर भरोसा किया जाए, तो संचार माध्यमों के जरिये प्रवासियों के साथ तथाकथित तौर पर मकान मालिकों के दुर्व्यवहार की बात तो बेमानी ही साबित होती है.
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जारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश के 16 फीसदी मकान मालिकों ने अपने किरायेदारों के दो महीने का किराया माफ कर दिया है. वहीं, 41 फीसदी ने किरायेदारों को भुगतान के लिए मोहलत दी है. फिलहाल, कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में बड़ी संख्या में लोगों के सामने वित्तीय संकट पैदा हो गया है.
यह सर्वे इन्फोएज इंडिया लिमिटेड की संपत्ति क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी 99एकड़ डॉट कॉम ने किया है. सर्वे में 49,600 मकान मालिकों और ब्रोकरों की राय को शामिल किया गया है. पोर्टल ने एक बयान में कहा है कि इस संकट के समय ज्यादातर मकान मालिक किरायेदारों की मदद कर रहे हैं. 44 फीसदी ने किराये में बढ़ोतरी नहीं की है, 41 फीसदी ने किराया चुकाने के लिए मोहलत दी है और 16 फीसी ने दो महीने का किराया माफ कर दिया है. इस पोर्टल पर मालिकों और ब्रोकरों द्वारा 10 लाख से अधिक आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां सूचीबद्ध हैं.
सर्वे के अनुसार, बाजार में सुस्ती के बावजूद 76 फीसदी संपत्ति मालिक अब भी अपनी संपत्ति को किराये पर देने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं, 24 फीसदी ने फिलहाल किरायेदारों की तलाश बंद कर दी है. संपत्ति किराये पर देने के इच्छुक 54 फीसदी मालिकों का मानना है कि किराये में कमी आएगी. वहीं, 11 फीसदी को लगता है कि आगे किराया बढ़ेगा. मकान या संपत्ति बेचने को इच्छुक 80 फीसदी लोगों ने कहा है कि वे संभावित खरीदार की तलाश जारी रखेंगे. वहीं, 20 फीसदी ने कहा कि फिलहाल, उन्होंने अपनी संपत्ति को बेचने का इरादा छोड़ दिया है.
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