EPS News : पेंशन स्कीम में योगदान बढ़ाने की लास्ट डेट नजदीक, जल्दी जमा कराएं आवेदन
कर्मचारी पेंशन योजना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों को बढ़ी हुई पेंशन कवरेज का ऑप्शन चुनने का विकल्प दिया है. सर्वोच्च अदालत की ओर से नवंबर 2022 में दिए गए फैसले से 6 महीने के भीतर विकल्प चुनकर आवेदन करने की समयसीमा तय कर दी गई है.
Employee pension scheme : क्या आप नौकरी-पेशा कर्मचारी हैं और आप कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत अपने पेंशन खाते में योगदान करते हैं. अगर हां, तो आपकी पेंशन योगदान की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है. सेवानिवृत्ति पेंशन योजना में कर्मचारियों के योगदान की राशि बढ़ाने के लिए आवेदन जमा कराने की समयसीमा निर्धारित कर दी गई है. इसके लिए कर्मचारी पेंशन योजना के सदस्यों को तय फॉरमेट में आवेदन जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं. आवेदक को अपने नियोक्ता के साथ मिलकर एक घोषणा पत्र कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पास जमा करना होगा. आवेदन की अंतिम तिथि से पहले आवेदन जमा नहीं करने पर सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को अधिक पेंशन नहीं मिल पाएगा.
क्या है लास्ट डेट
कर्मचारी पेंशन योजना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों को बढ़ी हुई पेंशन कवरेज का ऑप्शन चुनने का विकल्प दिया है. सर्वोच्च अदालत की ओर से नवंबर 2022 में दिए गए फैसले से 6 महीने के भीतर विकल्प चुनकर आवेदन करने की समयसीमा तय कर दी गई है. पहले आवेदन की समयसीमा 4 महीने निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर 6 महीने किया गया है. इसका मतलब है कि ईपीएस के सदस्य कों पेंशन योजना में अपने योगदान की राशि बढ़ाने के लिए 31 मार्च 2023 से पहले हर हाल में आवेदन जमा कराना बेहद जरूरी है.
कैसे जमा कराएं घोषणा पत्र
नवंबर 2022 में अपने एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन कर्मचारियों ने पेंशन योजना में शामिल होने के विकल्प का प्रयोग नहीं किया है, उन्हें छह महीने के भीतर ऐसा करना होगा. अब सेवानिवृत्ति बचत योजना (रिटायरमेंट सेविंग स्कीम) के सदस्यों को अपने नियोक्ता के साथ मिलकर पेंशन स्कीम में अधिक योगदान संबंधी एक घोषणा पत्र कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को देना होगा. घोषणा पत्र ईपीएफओ कार्यालय की ओर से जारी निर्धारित फॉरमेट में जमा करना होगा.
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वेतन बढ़ने पर नहीं जमा कराना होगा घोषणा पत्र
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कर्मचारियों को अधिक पेंशन के लिए ज्यादा योगदान का विकल्प मिल गया है. हालांकि, केंद्र सरकार यदि कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन की सीमा बढ़ाकर 15,000 से 21,000 कर दे, तो कर्मचारियों को ईपीएफओं में आवेदन नहीं करना होगा. इससे कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों के अनिवार्य योगदान में बढ़ोतरी होगी. बताया जा रहा है कि वेतन सीमा बढ़ने पर किसी भी तरह का घोषणा पत्र देने की जरूरत भी नहीं होगी. हालांकि, अदालत ने अपने फैसले से अधिक पेंशन पाने का रास्ता कर्मचारियों के लिए साफ कर दिया है.
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