Budget 2023: बजट में नई ईवीएम की खरीद के लिए कानून मंत्रालय को मिलेंगे पैसे, जानिए कितनी मिलेगी रकम
Budget 2023: वित्त मंत्री ने बजट में कहा है कि बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल यूनिट (पेपरट्रेल मशीन) की खरीद और ईवीएम पर सहायक व्यय और अप्रचलित ईवीएम नष्ट करने के लिए चुनाव आयोग को धन उपलब्ध कराने के वास्ते किया गया है.
Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) खरीदने और पुरानी वोटिंग मशीनों को नष्ट करने के लिए बजट में करीब 1900 करोड़ रुपये आवंटन किए हैं. केंद्रीय बजट में केंद्रीय कानून मंत्रालय 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) खरीदने के लिए ये पैसे आवंटित किए गए हैं. बजट दस्तावेज के मुताबिक, निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम की खरीद के लिए 1,891.78 करोड़ रुपये कानून मंत्रालय को आवंटित किए हैं.
वित्त मंत्री ने बजट में क्या कहा: वित्त मंत्री ने बजट में कहा है कि बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल यूनिट (पेपरट्रेल मशीन) की खरीद और ईवीएम पर सहायक व्यय और अप्रचलित ईवीएम नष्ट करने के लिए चुनाव आयोग को धन उपलब्ध कराने के वास्ते किया गया है. एक कंट्रोल यूनिट और कम से कम एक बैलेट यूनिट से एक ईवीएम बनती है.
लोकसभा के साथ कई राज्यों में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव: इस साल होने वाले कई विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने निर्वाचन आयोग के लिए अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की खरीद के वास्ते धनराशि के लिए कानून मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. सूत्रों ने तब कहा था कि एक ही प्रकार की और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें, जो वर्तमान में उपयोग में हैं, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से खरीदी जाएंगी.
ये दो ऐसे सार्वजनिक उपक्रम हैं जो ईवीएम की शुरुआत से ही इनका निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि मतदाताओं और मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि के साथ अधिक मशीन की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा था कि जो ईवीएम अपना समय पूरा कर लेती हैं और जो क्षतिग्रस्त हो जाती हैं उन्हें भी बदलने की जरूरत है. 2004 से अब तक चार लोकसभा और 139 विधानसभा चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया जा चुका है. कानून मंत्रालय में विधायी विभाग ईवीएम, चुनाव कानून और संबंधित नियमों सहित निर्वाचन आयोग से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए नोडल एजेंसी है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.