16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

LIC के पास बिना दावे की 21,539 करोड़ राशि, जानें किस राशि को किया जाता है इस कोष में शामिल

दस्तावेजों के अनुसार, इसमें बिना दावे वाली राशि पर ब्याज भी शामिल है. इसमें कहा गया है कि मार्च, 2021 तक बिना दावे वाला कोष 18,495 करोड़ रुपये और मार्च, 2020 के अंत तक 16,052.65 करोड़ रुपये था.

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास सितंबर, 2021 तक बिना दावे की 21,539 करोड़ राशि जमा थी. यह जानकारी एलआईसी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को दी है. आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के दस्तावेज से यह जानकारी मिली है.

बिना दावे वाली राशि पर ब्याज भी शामिल

दस्तावेजों के अनुसार, इसमें बिना दावे वाली राशि पर ब्याज भी शामिल है. इसमें कहा गया है कि मार्च, 2021 तक बिना दावे वाला कोष 18,495 करोड़ रुपये और मार्च, 2020 के अंत तक 16,052.65 करोड़ रुपये था. वहीं मार्च, 2019 के अंत तक यह राशि 13,843.70 करोड़ रुपये थी.

प्रत्येक कंपनी देती है बिना दावे वाली राशि का ब्योरा

प्रत्येक बीमा कंपनी को 1,000 रुपये या उससे अधिक की बिना दावे वाली राशि का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर डालना होता है. वेबसाइट पर पॉलिसीधारकों या लाभार्थियों को बिना दावे वाली राशि के सत्यापन की सुविधा भी प्रदान करने की जरूरत होती है. दस्तावेजों में कहा गया है कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के बिना दावे वाली राशि पर परिपत्र में इसके बारे में प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है,इन प्रक्रियाओं में बिना दावे वाली राशि का भुगतान, पॉलिसीधारकों को सूचना, लेखा और निवेश आय का इस्तेमाल आदि शामिल है.

क्या होता है बिना दावे का कोष

बिना दावे के कोष में ऐसी राशि जमा की जाती है, जिसका कोई दावेदार ना हो. यानी बीमित व्यक्ति की मौत के बाद अगर उसका कोई उत्तराधिकारी बीमे की राशि के लिए अपनी दावेदारी ना पेश करे, तो उस राशि को इस कोष में जमा किया जाता है. राशि पर सात साल तक जब कोई दावा नहीं करता है, तो उसका उपयोग सामाजिक कार्यों में किया जाता है.

Also Read: Karnataka hijab row : हाईकोर्ट में कल फिर होगी सुनवाई, हिजाब हटाने को तैयार नहीं लड़कियां

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें