LIC IPO Date: एलआईसी के आईपीओ को लेकर आयी यह खबर, जान लें काम की बात
LIC IPO Date : एलआईसी में पांच फीसदी हिस्सेदारी या 31.6 करोड़ शेयर की बिक्री पहले मार्च में होने वाली थी लेकिन भूराजनीतिक तनाव के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था. अब खबर है कि सरकार तारीख पर इस हफ्ते के भीतर निर्णय ले सकती है.
यदि आप एलआईसी के आईपीओ का इंतजार कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां… सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनक निर्गम (आईपीओ) को लाने की तारीख पर इस हफ्ते के भीतर निर्णय ले सकती है. एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से यह जानकारी दी गई है.
शेयर की बिक्री पहले मार्च में होने वाली थी
आपको बता दें कि एलआईसी में पांच फीसदी हिस्सेदारी या 31.6 करोड़ शेयर की बिक्री पहले मार्च में होने वाली थी लेकिन भूराजनीतिक तनाव के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था. सरकार के पास भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास नए दस्तावेज दाखिल किये बिना जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए 12 मई तक का समय है.
फैसला इस हफ्ते लिया जा सकता है
एक अधिकारी ने बताया कि आईपीओ कब लाया जाए इस बारे में फैसला इस हफ्ते लिया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स द्वारा एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकाला गया है. 30 सितंबर, 2021 तक कंपनी का अंतर्निहित मूल्य 5.4 लाख करोड़ रुपये था. अंतर्निहित मूल्य बीमा कंपनी में शेयरधारकों के एकीकृत मूल्य के आधार पर निकाला गया है. अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे.
निवेश के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, एलआईसी पॉलिसीहोल्डर्स को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि सभी सफल बिडर्स को आईपीओ में इक्विटी शेयर्स केवल डीमैटेरालाइज्ड फॉर्म में अलोकेट होंगे. इसका अर्थ यह हुआ कि आईपीओ में आवेदन करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए. कोई भी पॉलिसीहोल्डर अपने उत्तराधिकारी, बेटे या किसी रिश्तेदार के डीमैट अकाउंट से आवेदन नहीं कर सकता है. ड्रॉफ्ट प्रॉस्पेक्ट्स के मुताबिक, किसी योग्य पॉलिसीहोल्डर को डिस्काउंट के बाद अलोकेशन की टोटल वैल्यू 2 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती है.
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कौन-कौन कर सकेंगे आवेदन
एलआईसी के आईपीओ में वे सभी आवेदन कर सकेंगे, जो मैच्योरिटी पूरा होने के बाद, पॉलिसी सरेंडर करने के बाद या पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु होने के बाद एलआईसी के रिकॉर्ड्स से बाहर नहीं हुए हैं. इस प्रकार के सभी पॉलिसीहोल्डर रिजर्वेशन के लिए हकदार हैं. एलआईसी के मुताबिक, बीमा पॉलिसी को प्रॉस्पेक्ट्स की तारीख के पहले जारी हुआ होना चाहिए. इसके अलावा, मृत पॉलिसीहोल्डर के उत्तराधिकारी, जिन्हें अभी एनुएटीज मिल रही है, वह कैटेगरी के तहत ऑफर में अप्लाई करने के हकदार नहीं हैं.
भाषा इनपुट के साथ
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