LIC IPO News: एलआईसी के आईपीओ को अंतिम दिन मिला 2.95 गुना अभिदान, सरकार ने जुटाए 21 हजार करोड़
LIC IPO News: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ (IPO) को निर्गम के अंतिम दिन सोमवार को 2.95 गुना अभिदान मिला. इस तरह सरकार करीब 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही. एलआईसी के आईपीओ के तहत 16,20,78,067 शेयरों की पेशकश की गई थी.
LIC IPO News: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ (IPO) को निर्गम के अंतिम दिन सोमवार को 2.95 गुना अभिदान मिला. इस तरह सरकार करीब 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही. एलआईसी के आईपीओ के तहत 16,20,78,067 शेयरों की पेशकश की गई थी.
शाम 7 बजे तक लगाई गई बोलियां
शेयर बाजारों पर शाम 7 बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, इन शेयरों के लिए निवेशकों की तरफ से 47,83,25,760 बोलियां लगाई गईं. पात्र संस्थागत खरीदार (QIB) श्रेणी के शेयरों को 2.83 गुना अभिदान मिला. इस श्रेणी के लिए आरक्षित 3.95 करोड़ शेयरों के लिए 11.20 करोड़ बोलियां लगाई गईं. गैर-संस्थागत निवेशक (NII) श्रेणी के तहत 2,96,48,427 शेयरों की पेशकश की गई थी, जिनके लिए 8,61,93,060 बोलियां लगाई गईं. इस तरह एनआईआई खंड को 2.91 गुना अभिदान मिला है.
एलआईसी के पॉलिसीधारकों को मिला इतना अभिदान
खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों ने 6.9 करोड़ शेयरों की पेशकश पर 13.77 करोड़ शेयरों की बोलियां लगाईं. इस खंड में 1.99 गुना अभिदान मिला है. एलआईसी के पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित खंड में 6 गुना से अधिक अभिदान मिला है, जबकि एलआईसी के पात्र कर्मचारियों के खंड में 4.4 गुना बोलियां मिली हैं. एलआईसी ने 4 मई को खुले इस निर्गम के लिए 902-949 रुपये प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया था. इसमें पात्र पॉलिसीधारकों एवं कर्मचारियों के लिए कुछ शेयर आरक्षित रखे जाने के अलावा उन्हें छूट भी दी गई थी.
देश का अबतक का सबसे बड़ा आईपीओ हुआ साबित
सरकार ने इस निर्गम के जरिये एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करने का फैसला किया है. इस हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को करीब 20,557 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी. इस राशि के साथ एलआईसी का निर्गम देश का अबतक का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हुआ है. इसके पहले वर्ष 2021 में आया पेटीएम का आईपीओ 18,300 करोड़ रुपये का था. उससे पहले वर्ष 2010 में कोल इंडिया का आईपीओ करीब 15,500 करोड़ रुपये का था.
एक सितंबर, 1956 को हुआ था एलआईसी का गठन
एलआईसी का गठन एक सितंबर, 1956 को 245 निजी जीवन बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर किया गया था. उस समय इसमें पांच करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई थी. समय बीतने के साथ एलआईसी देश की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है. दिसंबर, 2021 में बीमा प्रीमियम कारोबार के 61.6 फीसदी हिस्से पर इसका नियंत्रण था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.