एलआईसी के पॉलिसीधारकों का घट सकता है रिटर्न, सरप्लस बंटवारा नियमों में कर दिया गया है बदलाव

सेबी में एलआईसी की ओर से दाखिल किए गए दस्तावेज में कहा गया है कि एलआईसी अधिनियम की धारा 24 में संशोधन किया गया है. एलआईसी अधिनियम की धारा 24 में संशोधन से पहले कंपनी के पास समेकित लाइफ फंड हुआ करता था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2022 10:02 AM
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नई दिल्ली : अगर आप भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पॉलिसीधारक हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है और वह यह कि भविष्य में आपको अपनी पॉलिसी पर मिलने वाला रिटर्न घट सकता है. इसका कारण यह है कि एलआईसी ने अतिरिक्त रकम (सरप्लस) बंटवारे के नियमों में बदलाव कर दिया है. बदले हुए नियम के अनुसार, अब एलआईसी के पॉलिसीधारकों को कम रिटर्न मिलेगा. कंपनी ने सेबी में दाखिल किए गए दस्तावेज में इस बात की जानकारी दी है.

क्या है असली मामला

सेबी में एलआईसी की ओर से दाखिल किए गए दस्तावेज में कहा गया है कि एलआईसी अधिनियम की धारा 24 में संशोधन किया गया है. एलआईसी अधिनियम की धारा 24 में संशोधन से पहले कंपनी के पास समेकित लाइफ फंड हुआ करता था. लाइफ फंड में जो अतिरिक्त रकम होती थी, उसे पॉलिसीधारकों और सरकार के बीच बांट दिया जाता था.

पॉलिसीधारकों को कितना मिलता था रिटर्न

बताते चलें कि एलआईसी के अतिरिक्त रकम (सरप्लस) बंटवारे में सबसे अधिक फायदा पॉलिसीधारकों को होता था. इसका कारण यह है कि अतिरिक्त रकम के बंटवारे में एलआईसी की ओर से करीब 95 फीसदी पॉलिसीधारकों को दिया जाता था, जबकि 5 फीसदी हिस्सा शेयरधारकों को दिया जाता था.

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कैसे कम होगा रिटर्न?

सेबी में जमा कराए गए दस्तावेजों के अनुसार, एलआईसी अधिनियम की धारा 24 में संशोधन के बाद दो प्रकार के फंड बनाए गए हैं. पॉलिसीधारक एलआईसी की ओर से बनाए गए दो फंडों में से पहले फंड में निवेश कर रहे हैं और दूसरे फंड में उनकी दिलचस्पी नहीं दिखाई दे रही है. एलआईसी के दूसरे प्रकार के फंड की अतिरिक्त रकम पूरी तरह से शेयरधारकों यानी भारत सरकार के खाते में जाएगा. वहीं, पहले फंड में अतिरिक्त रकम के बंटवारे में 90 फीसदी पैसा पॉलिसीधारकों को मिलेगा और 10 फीसदी रकम सरकार के खाते में जाएगी. कुल मिलाकर यह कि पॉलिसीधारकों को 95 फीसदी हिस्सेदारी में से पांच फीसदी रकम घट जाएगी और वहीं सरकार के खाते में पांच फीसदी जाने वाली रकम बढ़कर 10 फीसदी हो जाएगी. इस प्रकार, पॉलिसीधारकों को मिलने वाले रिटर्न में कुल पांच फीसदी कम हो जाएगी.

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