23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद से LIC-SBI में लाखों लोगों की बचत राशि खतरे में! जानें क्या कहते हैं बैंक

जयराम रमेश ने दावा किया कि वित्तीय गड़बड़ी के आरोप तो अत्यंत गंभीर हैं ही, लेकिन इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि मोदी सरकार ने एलआईसी, एसबीआई और अन्य सरकारी बैंकों जैसी अतिमहत्वपूर्ण संस्थाओं द्वारा अडाणी समूह में किए गए अंधाधुंध निवेश के माध्यम से भारत की वित्तीय प्रणाली गंभीर संकट में पड़ सकती है.

नई दिल्ली : अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च और अडाणी ग्रुप के विवाद की वजह से भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसे वित्तीय संस्थानों में जमा बचत पर खतरे की आशंका जाहिर की जा रही है. वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की ओर से अडाणी ग्रुप पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाए जाने के बाद शुक्रवार को गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट दर्ज की गई. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर अडाणी टोटल गैस के शेयर 20 फीसदी टूटे, अडाणी ट्रांसमिशन के 19.99 फीसदी, अडाणी ग्रीन एनर्जी के 19.99 फीसदी और अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 18.52 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. वहीं, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयर 16.03 फीसदी गिरे, अडाणी विल्मर के पांच फीसदी और अडाणी पॉवर के शेयर में भी पांच फीसदी की गिरावट आई.

कांग्रेस ने की जांच की मांग

इस बीच, भारत के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अडाणी ग्रुप पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बाजार विनियामक से जांच करने की मांग की है. कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा है कि सामान्य परिस्थितियों में एक राजनीतिक दल को किसी निजी कंपनी अथवा व्यापारिक समूह पर हेज फंड द्वारा तैयार की गई किसी शोध रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए, परंतु हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के संबंध में किए गए फॉरेंसिक विश्लेषण पर कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनी प्रतिक्रिया देना बनता है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि अडाणी समूह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वविदित रिश्ते तब से हैं, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे.

करोड़ों भारतीयों की बचत पर खतरा

जयराम रमेश ने अपने बयान में आगे कहा कि इसके अतिरिक्त वित्तीय प्रणाली का स्तंभ माने जाने वाले भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसे वित्तीय संस्थानों के अडाणी समूह के साथ उच्चतम स्तर के जोखिमपूर्ण लेन-देन का वित्तीय स्थिरता और करोड़ों भारतीयों की बचत राशि खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि यहां पर यह बात भी उल्लेखनीय रूप से ध्यान देने योग्य है कि पूर्व में प्रस्तुत रिपोर्ट में भी अडाणी समूह को ‘क्षमता से अधिक ऋण उठाने वाले समूह’ के रूप में दर्शाया गया है. इन सभी आरोपों की भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी जैसी भारतीय वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संस्थाओं द्वारा गहन जांच किए जाने की आवश्यकता है.

भारत की वित्तीय प्रणाली गंभीर संकट में

जयराम रमेश ने दावा किया कि वित्तीय गड़बड़ी के आरोप तो अत्यंत गंभीर हैं ही, लेकिन इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मोदी सरकार ने एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों जैसी अति महत्वपूर्ण संस्थाओं द्वारा अडाणी समूह में किए गए अंधाधुंध निवेश के माध्यम से भारत की वित्तीय प्रणाली गंभीर प्रणालीगत संकट में पड़ सकती है.

एलआईसी ने अडाणी समूह की कंपनियों में किया 74,000 करोड़ रुपये

उन्होंने कहा कि इन संस्थानों ने अडाणी समूह को कुछ ज्यादा ही वित्त पोषित किया है, जबकि निजी क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों ने कॉर्पोरेट गवर्नेंस और कर्ज से जुड़ी चिंताओं के कारण अडाणी समूह में निवेश करने से परहेज किया. एलआईसी प्रबंधन के 8 फीसदी शेयर यानि 74,000 करोड़ रुपये की विशाल राशि का निवेश अडाणी समूह की कंपनियों में किया गया है, जो इसकी दूसरी सबसे बड़ी होल्डिंग है.

एसबीआई ने 40 फीसदी तक दिया है कर्ज

जयराम रमेश के मुताबिक, सरकारी बैंकों ने अडाणी समूह को निजी बैंकों की तुलना में दोगुना ऋण दिया है, जिसमें 40 फीसदी कर्ज अकेले एसबीआई द्वारा दिया गया है. इस गैर जिम्मेदाराना रवैये ने एलआईसी और एसबीआई में अपनी बचत राशि डालने वाले करोड़ों भारतीयों को गंभीर वित्तीय जोखिम में डाल दिया है. उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार सेंसरशिप लगाने का प्रयास कर सकती है, लेकिन भारतीय व्यवसायों और वित्तीय बाजारों के वैश्वीकरण के युग में क्या कॉरपोरेट कुशासन की ओर ध्यान आकर्षित करवाने वाली हिंडनबर्ग जैसी रिपोर्ट को आसानी से दरकिनार किया जा सकता है और उन्हें केवल ‘दुर्भावनापूर्ण’ कहकर खारिज किया जा सकता है?

हिंडनबर्ग के खुलासों से एसबीआई को चिंता नहीं

उधर, कांग्रेस के इन आरोपों के बाद एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने मीडिया से कहा कि अडाणी ग्रुप के खिलाफ किए गए हिंडनबर्ग के खुलासों में कुछ भी खतरनाक नहीं है और हमें अभी तक कोई चिंता नहीं है. खारा ने कहा कि अडाणी समूह ने हाल के दिनों में एसबीआई से कोई कोष नहीं जुटाया है और बैंक निकट भविष्य में उनसे किसी भी कोष के अनुरोध पर ‘विवेकपूर्ण विचार’ करेगा. वहीं, नाम न छापने की शर्त पर बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि एसबीआई स्पष्टीकरण के लिए कंपनी तक पहुंच गया है और बोर्ड उसके बाद ही समूह के लिए बैंक के जोखिम पर कोई निर्णय लेगा.

अडाणी ग्रुप को दिया गया कर्ज अनुमेय सीमा के अंदर : बीओआई

वहीं, एक अन्य सरकारी बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) के एक अधिकारी ने कहा कि अडाणी समूह को दिए गए ऋण अनुमेय सीमा के भीतर थे. बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने मीडिया से कहा कि अडाणी समूह के लिए हमारा जोखिम भारतीय रिजर्व बैंक के बड़े जोखिम ढांचे से नीचे है. पिछले महीने तक कर्ज पर अडाणी समूह का ब्याज भुगतान बरकरार है. दो अन्य निजी कर्जदाताओं के बैंक अधिकारियों ने कहा कि वे अभी तक घबराने की स्थिति में नहीं थे, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार सतर्क जरूर थे.

Also Read: हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर राजनीति गर्म, कांग्रेस ने RBI-सेबी से की अडाणी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच करने की मांग
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बावजूद एलआईसी लापरवाह

इस बीच, खबर यह है कि हिंडनबर्ग की ओर से अडाणी समूह पर लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों के बाद एलआईसी बेपरवाह बनी हुई है और अडाणी की प्रमुख इकाई में और पैसा लगा रही है. एक दस्तावेज के अनुसार, अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा 2.5 अरब डॉलर के लिए लॉन्च किए गए एफपीओ में सरकार नियंत्रित एलआईसी एंकर निवेशक के रूप में करीब 37 मिलियन डॉलर निवेश कर रहा है, जो उसके कुल निवेश में करीब 4.23 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें