Life Insurance Plan Latest News : लाइफ इंश्योरेंस प्लान का मतलब एक ऐसी पॉलिसी जो आपके साथ और आपके बाद परिवार का साथ निभाए. यह एक ऐसा निवेश है, जो किसी भी अनहोनी की स्थिति में परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है. कोविड-19 के इस दौर में हर परिवार के लिए लाइफ इंश्योरेंस की अहमियत बढ़ गई है. अगर आप लाइफ इंश्योरेंस लेने जा रहे हैं, तो आप यह जरूर पता कर लें कि बाजार में कितने तरह के प्लान हैं और उनमें से कौन सा प्लान आपके लिए फायदेमंद है.
दरअसल, बीते कुछ साल में जीवन बीमा कराने के प्रति लोगों में जागरूकता तेजी से बढ़ी है. इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) के मुताबिक, देश की लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की प्रीमियम से होने वाली आमदनी वित्त वर्ष 2019-20 में 11.36 फीसदी से बढ़कर 48.26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई. वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने एवं परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी निवेश का बेहद अहम विकल्प है. बाजार में जीवन बीमा के कई तरह की पॉलिसी उपलब्ध है. इसलिए यह जरूरी है कि पॉलिसी लेने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें और यह जान लें कि जीवन बीमा की उपयोगिता क्या है और इसे कब लेना चाहिए? आइए जानते हैं कि फिलहाल बाजार में कितने तरह की पॉलिसी का विकल्प मौजूद है…
परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य जीवन भर के कवरेज के लिए होल लाइफ प्लान ले सकते हैं. इससे पॉलिसीधारक और उसके परिवार को अपनी बाकी की जिंदगी के लिए सुरक्षा और सेविंग कवर मिलेगा. इसके लिए न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए. अधिकतम 50 या 60 साल की आयु तक के व्यक्ति को ही पॉलिसी दी जाती है. इसका प्रीमियम ज्यादा होता है. इमरजेंसी में पॉलिसीधारक बीमा कंपनी से कर्ज ले सकते हैं. यह पॉलिसी उनके लिए बहुत ही लाभदायक है, जो बिना जोखिम लिये अपने निवेश को सुरक्षित करना चाहते हैं. इसमें पॉलिसीधारक के पास इंश्योर्ड सम को आंशिक रूप से विड्रॉल करने का भी ऑप्शन होता है.
यह बेसिक इंश्योरेंस है, जो किसी दुर्घटना की स्थिति में संभावित वित्तीय नुकसान से पूरे परिवार को सुरक्षा प्रदान करता है. इसे लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए बेहतर माना जाता है. इसमें कम प्रीमियम भुगतान में ज्यादा कवर मिलता है. टर्म इंश्योरेंस में टर्म के दौरान पॉलिसीधारक की मौत होने पर एक तय रकम नॉमिनी को दी जाती है. दूसरों के मुकाबले इस पॉलिसी में कम प्रीमियम होता है. इसमें चुने गए टेन्योर के लिए कवरेज मिलता है. हालांकि, टर्म प्लान में मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं होता. टर्म इंश्योरेंस न्यूनतम पांच साल के लिए भी लिया जा सकता है. करीब-करीब सभी बीमा कंपनियां 15 से 30 साल की अवधि का टर्म प्लान देती हैं.
यूलिप या यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान में निवेशक को प्रोटेक्शन और निवेश दोनों का फायदा मिलता है. प्रीमियम का एक हिस्सा निवेश को लाइफ कवर देता है, जबकि दूसरा हिस्सा कंपनी स्टॉक मार्केट एवं डेट फंड में इनवेस्ट करती है. इस वजह से इसमें रिटर्न मार्केट के उतार-चढ़ाव पर आधारित होता है, लेकिन इसमें आप तय कर सकते हैं कि आपका कितना पैसा शेयर में लगे और कितना पैसा बॉन्ड में लगे. ये प्लान लगभग 10 से 15 साल तक के होते हैं. इसमें तीन से पांच साल तक इसका पैसा नहीं निकाल सकते. यूलिप में टैक्स में छूट का भी लाभ मिलता है.
इस पॉलिसी में एक निश्चित अवधि के लिए रिस्क कवर होता है और उस अवधि के समाप्त होने पर बोनस के साथ एश्योर्ड सम पॉलिसीधारक को वापस मिलता है. पॉलिसीधारक की मौत होने या निर्धारित समय के बाद पॉलिसी अमाउंट की फेस वैल्यू का भुगतान किया जाता है. कुछ बीमा कंपनियां इस पॉलिसी के तहत गंभीर बीमारी के मामले में भी भुगतान करती हैं. इस पॉलिसी की अवधि करीब 10 से 25 साल तक की होती है. इसमें प्रीमियम का एक हिस्सा निवेश होता है और दूसरा हिस्सा इंश्योरेंस के लिए प्रयोग किया जाता है.
यह प्लान रिटायरमेंट के बाद की जिंदी को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन इसमें लाइफ इंश्योरेंस कवर नहीं होता. इस प्लान में जॉब के दौरान भुगतान किया गया प्रीमियम रिटायर होने के बाद बोनस के साथ पॉलिसीधारक को पेंशन के तौर पर मिलता है. यह भुगतान मासिक, छमाही या फिर सालाना आधार पर होता है. पेंशन प्लान में एक साथ प्रीमियम देने या फिर वार्षिक आधार पर प्रीमियम देने का विकल्प होता है. पेंशन के कुछ प्लान में पॉलिसी लेने वाले व्यक्ति के न रहने पर नॉमिनी को पेंशन दी जाती है.
इस पॉलिसी में बचत और बीमा दोनों खूबियां हैं. यह गारंटीड रिटर्न देने वाला रिस्क फ्री प्लान है. इसमें पॉलिसी मैच्योर होने पर पॉलिसीधारक को प्रीमियम के तौर पर दिया गया पैसा बोनस के साथ मिलता है. इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत प्रीमियम और सेक्शन 10(10डी) के तहत क्लेम करने पर इनकम टैक्स बेनिफिट भी मिलता है.
Posted By : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.