कर्नाटक बैंक में NPA हो गए डीएचएफएल समेत चार कंपनियों के लोन अकाउंट

निजी क्षेत्र के कर्नाटक बैंक ने आरबीआई को अपने चार लोन अकाउंट में 285 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की जानकारी दी है. उसके मुताबिक, उसके डीएचएफएल सहित चार इकाइयों के खाते गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) हो गए हैं. कर्नाटक बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है कि कुल 285.52 करोड़ रुपये की लोन धोखाधड़ी सामने आयी है.

By Agency | June 6, 2020 6:04 PM
an image

नयी दिल्ली : निजी क्षेत्र के कर्नाटक बैंक ने आरबीआई को अपने चार लोन अकाउंट में 285 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की जानकारी दी है. उसके मुताबिक, उसके डीएचएफएल सहित चार इकाइयों के खाते गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) हो गए हैं. कर्नाटक बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है कि कुल 285.52 करोड़ रुपये की लोन धोखाधड़ी सामने आयी है. साल 2009 से 2014 के दौरान बैंकों के गठजोड़ ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल), रेलिगेयर फिनवेस्ट, फेडर्स इलेक्ट्रिक एवं इंजीनियरिंग लिमिटेड तथा लील इलेक्ट्रिकल्स को लोन दिया था. इस गठजोड़ में कर्नाटक बैंक भी शामिल था.

Also Read: अब बिना किसी डर के फैसले ले सकेंगे बैंक अधिकारी, सीवीसी ने धोखाधड़ी की जांच के लिए समिति बनायी

सूचना में कहा गया है कि सबसे अधिक 180.13 करोड़ रुपये का कर्ज डीएचएफएल पर बकाया है. रेलिगेयर फिनवेस्ट पर 43.44 करोड़ रुपये, फेडर्स इलेक्ट्रिक पर 41.30 करोड़ रुपये और लील इलेक्ट्रिकल्स पर 20.65 करोड़ रुपये का बकाया है. बैंक ने कहा कि डीएचएफएल उसके साथ 2014 से जुड़ी है और उसने बैंकों के गठजोड़ की व्यवस्था के तहत उससे कई लोन सुविधाएं ली हैं. हम गठजोड़ में सदस्य बैंक हैं.

बैंक ने कहा कि कंपनी के खाते को 30 अक्टूबर, 2019 को एनपीए घोषित किया गया. अब कंपनी द्वारा बैंक से कुल 180.13 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी रिजर्व बैंक को दी गयी है. इसी तरह, रेलिगेयर इन्वेस्ट भी 2014 से बैंक से जुड़ी है और उसने भी कई लोन सुविधाएं ली हैं.

गठजोड़ के सदस्य द्वारा कंपनी के खाते को अक्टूबर, 2019 में एनपीए घोषित किये जाने के बाद बैंक ने रिजर्व बैंक को लोन धोखाधड़ी की सूचना दी है. कंपनी पर 43.44 करोड़ रुपये का बकाया है. लील इलेक्ट्रिकल्स के खाते को मार्च, 2019 में एनपीए घोषित किया. इसी तरह, फेडर्स इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड के खाते को सदस्य बैंक द्वारा जुलाई, 2018 में एनपीए की श्रेणी में डाला गया.

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version