लोन लेने वालों को बड़ी राहत, ब्याज की छूट देगी केंद्र सरकार
Loan moratorium: केंद्र सरकार (Central government) ने लोन लेने वालों को बड़ी राहत दी है. ये जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court ) को दी है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एजुकेशन, एमएसएमई, होम, कंज्यूमर, कार लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज वसूली नहीं की जाएगी. केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण, ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे यही केवल समाधान है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति मांगी जाएगी.
केंद्र सरकार ने लोन लेने वालों को बड़ी राहत दी है. ये जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एजुकेशन, एमएसएमई, होम, कंज्यूमर, कार लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज वसूली नहीं की जाएगी. केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण, ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे यही केवल समाधान है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति मांगी जाएगी.
सरकार द्वारा जारी हलफनामे के मुताबिक छह महीने के लोन मोरेटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी. बता दें को कोरोना के कारण लागू किये गये लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई. इस दौरान एमएसएमई और प्राइवेट नौकरी से जुड़े लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई. क्योंकि इस दौरान कमाई पर फर्क पड़ा पर ईएमआई में छूट नहीं मिली थी इसके कारण परेशानी बढ़ गयी थी.
केंद्र के इस फैसले का लाभ साफतौर पर मध्यम वर्गीय लोगों को मिलेगा. इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 5 अक्टूबर को होगी. वित्त मंत्रालय के आंकलन के अनुसार हर वर्ग के लिए लोन माफ करने से बैंकों पर 6 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. ऐसे में उनकी स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है. लॉकडाउन के बाद आरबीआई ने मार्च से अगस्त तक लोन मोरेटोरियम लागू किया था. उस दौरान कहा गया था कि ग्राहक चाहे तो अपनी EMI बाद में भी दे सकता है.
केंद्र ने उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को कोविड-19 महामारी की वजह से राजस्व में आई गिरावट के मद्देनजर अपने खर्च की जरूरतों को पूरा करने के लिए 7,106 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति दे दी है. वित्त मंत्रालय ने दो और राज्यों… उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति दे दी है. इन राज्यों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) तथा कारोबार सुगमता सुधारों का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन करने के लिए यह अनुमति दी गई है.
इससे इन राज्यों को 7,106 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध होगा. उत्तर प्रदेश ‘एक देश-एक राशन कार्ड प्रणाली’ का कार्यान्वयन कर पीडीएस में सुधार प्रक्रिया को लागू करने वाला छठा राज्य है. इससे राज्य मुक्त बाजार ऋण (ओएमबी) के जरिये 4,581 करोड़ (रिपीट 4,581 करोड़) रुपये की राशि जुटाने का पात्र हो गया है. आंध्र प्रदेश कारोबार सुगमता सुधारों को सफलतापूर्वक लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। इससे वह 2,525 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने का पात्र हो गया है.
Posted By: Pawan Singh
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