Loan moratorium : केंद्र की मोदी सरकार देश के आम आदमी को दिवाली का तोहफा देने की तैयारी कर रही है. खबर है कि लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान आरबीआई (RBI) की ओर से ऋण अधिस्थगन (Loan moratorium ) के दौरान कर्ज (Loan) पर किस्त भुगतान से 6 महीने तक दी गई छूट का ब्याज सरकार खुद चुकता करेगी. मीडिया में सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार, इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया है. मीडिया की खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि चूंकि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, इसलिए सरकार सबसे पहले से जानकारी अदालत को देगी.
CNBC-TV18 की ओर से सूत्रों के हवाले से दी गई खबर के अनुसार, केंद्र सरकार लोन मोराटोरियम पीरियड के दौरान भुगतान नहीं की गई ईएमआई पर लगने वाला ब्याज अपनी तरफ से चुकाएगी. आम लोगों को यह ब्याज नहीं देना होगा. सूत्रों ने बताया कि सरकार की यह स्कीम सिर्फ मोरटोरियम के 6 महीनों के दौरान भुगतान नहीं की गई ईएमआई के लिए है.
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में बीते 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के दौरान रिजर्व बैंक ने इस साल 1 मार्च से लेकर 31 अगस्त तक कर्जदारों को राहत देते हुए मोरटोरियम पीरियड लागू किया था. इस दौरान पैसों की किल्लत के कारण कोई कोई कर्जदार अगर अपने कर्ज की किस्त का भुगतान करने में असमर्थ रहा, तो उसका कर्ज एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) नहीं माना जाएगा.
हालांकि, आरबीआई की ओर से कर्जदारों को लोन मोराटोरियम की दी गई इस सुविधा पर देश के बैंकों ने अपने ग्राहकों से ब्याज वसूलना भी शुरू कर दिया. बैंकों की ब्याज वसूली को लेकर ग्राहकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि एमएसएमई और व्यक्तिगत कर्ज को मिलाकर वह केवल 2 करोड़ रुपये तक का चक्रवृद्धि ब्याज (ईएमआई पर लगने वाला ब्याज) चुकाएगी.
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Posted By : Vishwat Sen
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