Loan Moratorium case, Supreme court News: कोरोनावायरस लॉकडाउन में लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज माफ किए जाने की मांग को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर आज देश की शीर्ष अदालत (Supreme Court) में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट आज की सुनवाई में अलग-अलग उद्योगों की मांग पर सुनवाई कर सकता है. उद्योगों का कहना है कि उनके लोन को भी रीस्ट्रक्चर किया जाना चाहिए.
इससे पहले इस मामले की सुनवाई 5 नवंबर को होनी थी, मगर तब केंद्र सरकार ने कहा था कि सुनवाई को 18 नवंबर तक के लिए टाल दिया जाए, क्योंकि सॉलिसिटर जनरल किसी और मामले में व्यस्त थे. जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच छह महीने की लोन मोरेटोरियम वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.
बता दें कि इस मामले में वित्त मंत्रालय और आरबीआई (Reserve Bank Of India) पहले ही सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा दाखिल कर बता चुके हैं कि केंद्र सरकार ने मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज न वसूले जाने की योजना तैयार की है और दो करोड़ तक कर्ज लेने वालों से मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज नहीं लिया जाएगा.
यह भी बताया था कि दो करोड़ तक के कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का वसूला गया अंतर 5 नवंबर तक कर्जदारों के खातों में वापस कर दिया जाएगा. जिनसे ज़्यादा ब्याज लिया गया है, उनके पैसे लौटाए जा रहे हैं. गौरतलब है कि कोरोनावायरस संकट के कारण लागू लॉकडाउन में आरबीआई ने मार्च 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी.
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आज सुप्रीम कोर्ट से आज एक बड़ा फैसला आने वाला है. कोर्ट बुधवार को उतर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले पर अपना फैसला सुनाएगा. गत 24 जुलाई को शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट इस पर अपना फैसला सुनाएगा कि क्या भर्ती परीक्षा में कट-ऑफ 60-65 फीसदी रखना सही है या नही और क्या परीक्षा की प्रक्रिया के बीच में कट ऑफ में बदलाव किया जा सकता है? इसके अलावा अदालत यह भी तय करेगी कि क्या इस सहायक शिक्षक के पद के लिए बीएड छात्र पात्रता रखते है या नहीं.
Posted By: Utpal kant
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