Loan Moratorium: लोन EMI में छूट को दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा
Loan Moratorium, Supreme court news, Interest on interest on loans: कोरोना काल के इस दौर में कर्ज की किस्त (ईएमआई) भुगतान में स्थगन यानी मोरेटोरियम की सुविधा 31 अगस्त को खत्म हो गई है. मोरेटोरियम की सुविधा को और आगे बढ़ाने की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोन पर मोहलत की अवधि दो साल के लिए बढाई जा सकती है
Loan Moratorium, Supreme court news: कोरोना काल के इस दौर में कर्ज की किस्त (ईएमआई) भुगतान में स्थगन यानी मोरेटोरियम की सुविधा 31 अगस्त को खत्म हो गई है. मोरेटोरियम की सुविधा को और आगे बढ़ाने की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोन पर मोहलत की अवधि दो साल के लिए बढाई जा सकती है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से केंद्र और आरबीआई ने कोर्ट को सूचित किया कि लोन के पुनर्भुगतान पर मोहलत दो साल तक बढ़ सकती है. लेकिन यह कुछ ही सेक्टर को मिलेगा. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हम प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं, जो महामारी के चलते हुए नुकसान के प्रभाव के अनुसार अलग-अलग लाभ उठा सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक, सरकार ने सूची सौंपी है कि किन सेक्टर को आगे राहत दी जा सकती है. अब इस मामले में आगे सुनवाई बुधवार को होगी. ब्याज पर ब्याज के मामले में तुषार मेहता ने अदालत से और समय मांगा है. एएनआई के मुताबिक, तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि केंद्र के अधिकारियों , बैंक एसोसिएशनों और आरबीआई के बीच बैठक कर समाधान निकाला जा सकता है.
Supreme Court says that they will hear the matter and all the parties tomorrow after Union of India, through the Solicitor General, filed its reply in the moratorium issue. https://t.co/tLKmUkwxZt
— ANI (@ANI) September 1, 2020
कोर्ट ने कहा कि अदालत में पहले ही इस मामले में तीन बार सुनवाई टाल चुकी है. अदालत ने एक बार फिर कहा कि सरकार को इस मामले में फेयर रहना होगा. एसजी तुषार ने कहा कि सरकार ने एक हलफनामा भी दाखिल किया है. बता दें कि इससे पहले पिछले हफ्ते इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के प्रति सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि लोन मोरेटोरियम के मामले में वह अपना रुख स्पष्ट करने के लिए जल्द हलफनामा दे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाये नहीं.
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याचिककर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मोहलत की अवधि 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाने की मांग की है. याचिका में वकीलों, ट्रांसपोर्ट सेक्टर, टूरिस्ट गाइड, ट्रैवल एजेंसी और उनके ड्राइवरों अन्य सेक्टर के लोगों को छूट देने की मांग की गई है. सूत्रों के मुताबिक, आरबीआई लोन मोरेटोरियम को 31 अगस्त से आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है.
Posted By: Utpal kant
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