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Loan Moratorium: जिन्होंने नहीं लिया मोरेटोरियम का लाभ, उन्हें तोहफा देने की तैयारी में सरकार

Loan Moratorium Extension Latest News नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी के दौरान छह महीने के मोरेटोरियम (Loan Moratorium) की सुविधा नहीं लेने वालों को भी केंद्र सरकार राहत देने पर विचार कर रही है. वित्‍त मंत्रालय ऐसे लोगों के लिए कैश बैक जैसी स्‍कीम ला सकता है. इसके अलावा दो करोड़ रुपये तक कर्ज वाली वो MSMEs जिन्‍होंने मोरेटोरियत के दौरान ईएमआई भरी है, उन्हें भी मुआवजा मिल सकता है. मोरेटोरियम का फायदा लेने वालों को सरकार ब्याज पर ब्याज में छूट दे सकती है. ऐसे में जिन्हें इसका फायदा नहीं मिल पायेगा, उन्हें भी सरकार राहत देना चाहती है.

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी के दौरान छह महीने के मोरेटोरियम (Loan Moratorium) की सुविधा नहीं लेने वालों को भी केंद्र सरकार राहत देने पर विचार कर रही है. वित्‍त मंत्रालय ऐसे लोगों के लिए कैश बैक जैसी स्‍कीम ला सकता है. इसके अलावा दो करोड़ रुपये तक कर्ज वाली वो MSMEs जिन्‍होंने मोरेटोरियत के दौरान ईएमआई भरी है, उन्हें भी मुआवजा मिल सकता है. मोरेटोरियम का फायदा लेने वालों को सरकार ब्याज पर ब्याज में छूट दे सकती है. ऐसे में जिन्हें इसका फायदा नहीं मिल पायेगा, उन्हें भी सरकार राहत देना चाहती है.

बैंक से कर्ज लेने वाले आम लोगों और छोटे तथा मझोले कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान घोषित किये गये किस्त स्थगन के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के ब्याज पर ब्याज छह महीने के लिए नहीं लिया जायेगा. केंद्र ने कहा कि इस संबंध में सरकार अनुदान जारी करने के लिए संसद से उचित अधिकार मांगेगी.

यह अनुदान सरकार द्वारा पहले घोषित किए गए गरीब कल्याण और आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों)को दिये गये 3.7 लाख करोड़ रुपये और आवास ऋण के लिये दिये गये 70,0000 करोड़ रुपये के सहायता पैकेज के अतिरिक्त होगा.

Also Read: Loan Moratorium : कर्जदारों को सरकार ने दी बड़ी राहत, लॉकडाउन में 6 महीने के EMI के स्थगन पर नहीं देना होगा ब्याज


हलफनामे में सरकार ने क्या कहा

भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय द्वारा दिये गये एक हलफनामे में अदालत से कहा गया है कि किस्त स्थगन की अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज के संबंध में खास श्रेणियों में सभी कर्जदारों को राहत मिलेगी, चाहें उन्होंने किस्त स्थगन का लाभ उठाया हो या नहीं. हलफनामे में कहा गया, ‘इसलिए, सरकार ने फैसला किया है कि छह महीने की किस्त स्थगन अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज की माफी कर्जदारों की सबसे कमजोर श्रेणी तक सीमित होगी. कर्जदारों की इस श्रेणी के तहत दो करोड़ रुपये तक के एमएमएमई ऋण और व्यक्तिगत ऋण पर ब्याज पर ब्याज माफ किया जायेगा.’

सरकार ने ऋणों को आठ श्रेणियों में बांटा

सरकार ने ऋणों को आठ श्रेणियों में बांटा है, जिनमें एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग), शिक्षा, आवास, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो ऋण, व्यक्तिगत ऋण और उपभोग आधारित ऋण शामिल हैं. सरकार ने हलफनामे में आगे कहा है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसकी ऋण राशि दो करोड़ रुपये से अधिक है, वह ब्याज पर ब्याज से छूट के लिए पात्र नहीं होगा.

बैंकों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहती सरकार

केंद्र ने ताजा हलफनामे में कहा कि चक्रवृद्धि ब्याज को माफ करने का वित्तीय बोझ बहुत अधिक होगा और बैंकों के लिए जमाकर्ताओं पर वित्तीय प्रभाव डाले बिना इस बोझ को वहन करना असंभव है, जो व्यापक राष्ट्रीय आर्थिक हित में भी नहीं होगा. हलाफनामे में कहा गया कि इन परिस्थितियों में एकमात्र समाधान यह है कि सरकार चक्रवृद्धि ब्याज की माफी से पड़ने वाले बोझ को वहन कर ले.

Posted By: Amlesh Nandan.

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