Lockdown 2 के बावजूद IT कम्पनियां जॉब देने से नहीं हटेंगी पीछे, जानिए क्या है प्लान
देश में Coronavirus के खतरे को देखते हुए इस बार 19 दिनों का Lockdown 2.0 लागू कर दिया गया है. इस लॉकडाउन में भी आईटी कंपनियां जॉब देने में पीछे नहीं रहेगी. बताया जा रहा है कि जून तक आईटी कंपनियां तकरीबन 50000 लोगों को भर्ती कर सकती है.
नयी दिल्ली : देश में Coronavirus के खतरे को देखते हुए इस बार 19 दिनों का Lockdown 2.0 लागू कर दिया गया है. इस लॉकडाउन में भी आईटी कंपनियां जॉब देने में पीछे नहीं रहेगी. बताया जा रहा है कि जून तक आईटी कंपनियां तकरीबन 50000 लोगों को भर्ती कर सकती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार टेक्नोलॉजी और आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां जैसे गूगल, टीसीएस, विप्रो, कॉग्निजेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर आदि कंपनियां जल्द ही बड़े पैमाने पर भर्तियां निकालेगी.
बताया जा रहा है कि कई कंपनियां अपने कैंपस प्लेसमेंट की नीतियों में बदलाव करने की मूड में नहीं है. एक रिपोर्ट के अनुसार गूगल प्रत्येक साल 60-70 प्रतिशत कर्मचारी प्लेसमेंट के माध्यम से लेती है., जो इस साल भी चालू रहने की उम्मीद है.
Also Read: 21 दिनों के लॉकडाउन में देश के अर्थव्यवस्था को हुआ इतने करोड़ नुकसान !इसके अलावा, इस वित्त वर्ष में टीसीएस 30000, विप्रो 12000, और कॉग्निजेंट 20000 कर्मचारियों को भर्ती करने की प्लान कर रही है. वहीं एक और दिग्गज कंपनी केपेगमिनी जून तक 10000 लोगों को भर्ती करेगी.
पीएम ने की अपील– कंपनियों में नौकरी जाने की लगातार उड़ रही खबरों के बीच कल पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा कि लोगों को नौकरी से न निकाला जाये, जिसके बाद माना जा रहा है कि कई कंपनियां आगे के लिए अपना मास्टर प्लान तैयार करेगी. इससे पहले, खबर आयी थी कि कॉग्निजेंट ने अपने कर्मचारियों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त सैलरी देने की घोषणा की थी.
फेसबुक और गूगल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्लानिंग– एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक और गूगल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कर्मचारियों के लिए प्लानिंग कर रही है. बताया जा रहा है कि ये कंपनियां महामरी संकट के बाद भी किसी कर्मचारी को जॉब से नहीं निकालेगी.
70 प्रतिशत आर्थिक गतिविधि ठप– इससे पहले, समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से 21 दिनों के देशव्यापी बंद की घोषणा की थ, जिसके बाद 70 प्रतिशत आर्थिक गतिविधियां, निवेश, निर्यात और जरूरी वस्तुओं को छोड़कर अन्य उत्पादों की खपत थम गयी है. केवल कृषि, खनन, उपयोगी सेवाएं, कुछ वित्तीय और आईटी सेवाएं तथा जन सेवाओं को ही काम करने की अनुमति मिली है.