नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए बुधवार यानी 15 अप्रैल से आगामी 3 मई तक के लॉकडाउन 2.0 की शुरुआत होगी. इस दौरान ट्रेनों और हवाई यात्रा पूरी तरह ठप है. आम आदमी के मन में सवाल यह पैदा हो रहा है कि 3 मई के पहले ट्रेनों का परिचालन होगा या नहीं, 15 अप्रैल से यात्रा के लिए बुक कराये गये टिकटों के पैसे कैसे रिफंड किये जाएंगे और कब और किन परिस्थितियों में ट्रेनों का परिचालन होगा? मंगलवार को पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद देश के प्रत्येक नागरिक के मन में कई सवाल पैदा हो रहे होंगे. खासकर, वैसे नागरिक ट्रेनों के परिचालन को लेकर तो खासे परेशान होंगे, जो दूसरे राज्यों में ठहरे हुए हैं.
इन सवालों का एक ही जवाब है और वह यह कि ट्रेनों के परिचालन को लेकर सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की बातें फैलायी जा रही हों, उस पर गौर करने के बजाए रेलवे की ओर से उपलब्ध करायी गयी सेवाओं का भरपूर इस्तेमाल करें और ट्रेनों के परिचालन और बुक टिकटों की रिफंडिंग संबंधी सही-सही जानकारी हासिल करें. आइए, हम जानते हैं कि रेलवे के किन-किन सेवाओं का इस्तेमाल कर वास्तविक वस्तुस्थिति की जानकारी हासिल की जा सकती है…
रेलवे के हेल्पलाइन नंबर लें सही जानकारी : भारतीय रेलवे की ओर से 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के पहले से ही हेल्पलाइन नंबर 138 और 139 की शुरुआत की गयी है. लॉकडाउन के बाद इन दोनों हेल्पलाइन नंबरों की क्षमता बढ़ा दी गयी है. आपके मन में अगर ट्रेनों के परिचालन और टिकट रिफंड को लेकर किसी प्रकार की आशंका पैदा हो रही हो, तो आप इन दोनों नंबरों पर संपर्क करके भी सही-सही जानकारी हासिल कर सकते हैं. रेलवे के कर्मचारी इन दोनों हेल्पलाइन नंबरों पर ट्रेनों के परिचालन और उससे संबंधित तमाम जानकारी देने को लेकर सतर्क हैं. इन हेल्पलाइन नंबरों पर 24 घंटे जानकारी दी जा रही है.
सोशल मीडिया और ई-मेल के जरिये भी आप कर सकते हैं संपर्क : लॉकडाउन के दौरान ट्रेनों के टिकट बुक कराने और बुक टिकट के पैसे रिफंड को लेकर ई-मेल और ट्विटर के जरिये भी जानकारी और सुझाव दिये जा रहे हैं. सोशल मीडिया और ई-मेल के जरिये निदेशक स्तर के अधिकारी भेजी गयी प्रतिक्रियाओं और उनके सुझावों तथा सवालों पर नजर बनाए हुए हैं. यहां तक कि लॉकडाउन के दौरान किसी को जरूरी सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने को लेकर भी किसी प्रकार की दिक्कतें न हों, रेलवे की ओर से इसका भी ख्याल रखा जा रहा है.
रेलवे के डिविजन कंट्रोल ऑफिस से भी दी जा रही हैं सूचनाएं : यदि आपको ट्रेनों के बारे में सही जानकारी हासिल करने में कठिनाई हो रही है, तो आप रेलवे के डिविजनल कंट्रोल ऑफिस से भी वास्तविक वस्तुस्थिति की जानकारी हासिल कर सकते हैं. रेलवे के इन डिविजनल कंट्रोल ऑफिस में तैनात रेलकर्मी क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. आप जिस भाषा और बोली में उनसे जानकारी हासिल करना चाहेंगे, वे आपको उसी भाषा और बोली में जानकारी उपलब्ध कराएंगे. रेलवे की ओर से यह सुविधा प्रवासी मजदूरों और स्थानीय निवासियों की सहूलियत के लिए उपलब्ध करायी गयी है.
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