Lockdown: गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री नहीं कर सकेंगी ई-कॉमर्स कंपनियां, सरकार का आदेश

e-commerce companies,Lockdown: नये आदेश में साफ कर दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां और उनके वाहनों का इस्तेमाल केवल जरूरी सामान की डिलिवरी के लिए करना होगा. इस दौरान किसी भी गैर-जरूरी सामान की डिलिवरी पर बैन जारी रहेगा.

By Amitabh Kumar | April 19, 2020 1:19 PM

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में तीन मई तक के लिए लॉकडाउन को बढाने का फैसला पिछले दिनों लिया. हालांकि गृह मंत्रालय ने 20 अप्रैल से कुछ गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति प्रदान दी है जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को कार्य करने की अनुमति दी गयी है. इस संबंध में रविवार को सरकार ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक आदेश जारी किया है.

नये आदेश में साफ कर दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां और उनके वाहनों का इस्तेमाल केवल जरूरी सामान की डिलिवरी के लिए करना होगा. इस दौरान किसी भी गैर-जरूरी सामान की डिलिवरी पर बैन जारी रहेगा. आपको बता दें कि पिछले सप्ताह सरकार ने नये दिशा-निर्देश जारी करते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों को अपना कार्य शुरू करने की अनुमति प्रदान की थी. हालांकि अब इसमें संशोधन करते हुए उन्हें केवल जरूरी सामान जैसे कि भोजन, फार्मास्यूटिकल और मेडिकल उपकरण बेचने की डिलिवरी करने की अनुमति दी गयी है.

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आदेश के अनुसार ई-कॉमर्स कंपनियों के डिलीवरी वाहनों को सड़क पर चलने के लिए अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी.

कल से ये सेवाएं और दुकानें शुरू होंगी

20 अप्रैल से फल-सब्जी के ठेले, साफ-सफाई का सामान बेचने वाली दुकानें खुल जाएंगी हालांकि ऐसी चीजों की दुकानें कई जगह खुल भी रहीं थीं. किराना और राशन की दुकानें, डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें, इलेक्ट्रीशियन, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सर्विसेस कल से आपको मिलने लगेंगी.

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गांवों और खेती-किसानी से जुड़ी ये सेवाएं और उद्योग होंगे शुरू

कल से गांवों में ईंट भट्टों और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम शुरू किया जाएगा. यही नहीं ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की मंजूरी वाले कॉमन सर्विस सेंटर खुल सकेंगे. कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सर्विस शुरू होगी. फिशिंग ऑपरेशन (समुद्र और देश के अंदर) जारी रहेंगे. इसमें- मछलियों का भोजन, मेंटेनेंस, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री हो सकेगी. मछली और मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, मछलियों का खाना और इस काम में लगे लोग आवाजाही कर सकेंगे. साथ ही चाय, कॉफी, रबर और काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री के लिए फिलहाल 50% मजदूर ही रहेंगे. दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, डिस्ट्रिब्यूशन और ट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा. पोल्ट्री फॉर्म समेत अन्य पशुपालन गतिविधियां चालू रहेंगी. पशुओं का खाना मसलन मक्का और सोया की मैन्युफेक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन हो सकेगा. पशु शेल्टर और गौशालाएं खुलेंगी.

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