Loan moratorium Latest News : दिवाली से पहले बैंकों ने कर्जदारों के खाते में डाली ब्याज की रकम, चेक कीजिए आपको कितना मिला कैशबैक
Loan moratorium, Covid-19 Relief Ex-gratia Latest News : देश के बैंकों ने बुधवार को लोन मोरेटोरियम पीरियड के दौरान टाली गई किस्तों पर वसूले गए ब्याज की रकम को कर्जदारों के खातों में डालना शुरू कर दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपने कर्जदारों के खातों में ब्याज पर ब्याज की रकम को फिलहाल ट्रांसफर कर दिया है. इसके लिए ग्राहकों के पास एसएमएस भी आने लगे हैं.
Loan moratorium, Covid-19 Relief Ex-gratia Latest News : देश के बैंकों ने बुधवार को लोन मोरेटोरियम पीरियड के दौरान टाली गई किस्तों पर वसूले गए ब्याज की रकम को कर्जदारों के खातों में डालना शुरू कर दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपने कर्जदारों के खातों में ब्याज पर ब्याज की रकम को फिलहाल ट्रांसफर कर दिया है. इसके लिए ग्राहकों के पास एसएमएस भी आने लगे हैं. बैंकों ने बुधवार को कर्जदारों के खातों में ब्याज की रकम डालने से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले देश के लाखों कर्जदारों को राहत देने का फैसला किया है. हालांकि, इसका मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और फिलहाल इस होने वाली सुनवाई गुरुवार यानी 5 नवंबर तक टाल दिया गया है.
दरअसल, आरबीआई ने लॉकडाउन के पहले तीन महीने और फिर तीन महीने के लिए देश के लाखों कर्जदारों को लोन मोरेटोरियम स्कीम सुविधा दी थी. इसके तहत मार्च से अगस्त 2020 तक के कुल छह महीनों के लिए किस्त का भुगतान टाल दिया गया था, लेकिन आरबीआई की ओर से यह गया था कि बकाये किस्त पर बैंक ब्याज ले सकते हैं. देश में इसका जमकर विरोध हुआ.
लोन मोरेटोरियम पीरियड के दौरान बैंकों द्वारा ब्याज पर ब्याज वसूलने का मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी चल ही रहा है और इस पर अब 5 नवंबर के बाद सुनवाई होगी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि वह 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज खुद वापस करेगी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसे जल्द से जल्द करना चाहिए.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि वह छह महीने के मोरेटोरियम पीरियड के दौरान का लगाये गये चक्रवृ़द्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर की जो राशि होगी, उसे सभी पात्र कजदारों के खातों में जमा करेगी. इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने यह भी कहा था कि बहुत सावधानी से विचार के बाद पूरी वित्तीय स्थिति, कर्जदारों की स्थिति, अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव और ऐसे ही दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
Posted By : Vishwat Sen
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