LPG Cylinder News: 1,007 रुपये सस्ता मिल रहा एलपीजी सिलेंडर, गैस की कालाबाजारी से गांव के लोग परेशान
LPG Cylinder News: 1,007 रुपये सस्ता मिल रहा एलपीजी सिलेंडर, LPG Cylinder की कालाबाजारी Blackmarketing of LPG से गांव के लोग परेशान...
LPG Cylinder News: घरेलू एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है. सस्ते घरेलू रसोई गैस का अब व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि, ऐसा पहले भी होता था, लेकिन हाल के दिनों में इस गोरखधंधे (Blackmarketing of Domestic LPG Cylinder) में तेजी आयी है. घरेलू सिलेंडर और वाणिज्यिक सिलेंडर (Commercial Cylinder) की कीमतों में भारी अंतर की वजह से यह गोरखधंधा शुरू हुआ है और खूब फल-फूल रहा है.
घरेलू सिलेंडर से 1,007 रुपये महंगा है कॉमर्शियल सिलेंडर
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट की मानें, तो घरेलू सिलेंडर और वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमतों में भारी अंतर की वजह से एलपीजी सिलेंडर का व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा है. दरअसल, 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडर की कीमत अभी 899.50 रुपये है, जबकि 19 किलो के वाणिज्यिक या कॉमर्शियल सिलेंडर का मूल्य 1,907 रुपये. यानी दोनों सिलेंडर के बीच कीमत का अंतर 1,007.50 रुपये है.
इस तरह से कॉमर्शियल सिलेंडर बन जाता है घरेलू सिलेंडर
देश में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो साल में 12 एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं कर पाते. सिलेंडर का अवैध कारोबार करने वाले लोग ऐसे लोगों को कुछ पैसे का लालच देते हैं और उनका सिलेंडर बुक कराकर उसका व्यावसायिक इस्तेमाल करते हैं. 12 सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं कर पाने वाले लोगों के लिए भी यह घर बैठे कमाई का जरिया बन जाता है. इसलिए यह धंधा आजकल खूब फल-फूल रहा है.
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30 फीसदी तक बढ़ गयी 12.42 किलो वाले सिलेंडर की खपत
रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल के दिनों में कुछ खास इलाकों में 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की खपत 15 से 30 फीसदी तक बढ़ गयी है. कुछ अनधिकृत एजेंट्स हैं, जो घरेलू सिलेंडर को कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए बेच रहे हैं. ये एजेंट्स रेस्टोरेंट्स, ढाबा, चाय स्टॉल, स्ट्रीट फूड वेंडर्स आदि को वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमत पर घरेलू सिलेंडर की सप्लाई करते हैं.
Diversion of domestic LPG gas cylinders for commercial use on the rise
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— ANI Digital (@ani_digital) February 12, 2022
एजेंसी वाले 200-250 मुनाफा लेकर बेच देते हैं सिलेंडर
इतना ही नहीं, गैरकानूनी तरीके से सिलेंडर का कारोबार करने वाले एजेंट्स एलपीजी सिलेंडर की ब्लैकमार्केटिंग करते हैं. ये लोग घरेलू सिलेंडर से कॉमर्शियल सिलेंडर की रीफिलिंग का धंधा भी करते हैं. इसमें कुछ गैस डिस्ट्रीब्यूटर भी इन कालाबाजारियों की मदद करते हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि डिस्ट्रीब्यूटर 200-250 रुपये का मुनाफा लेकर गैरकानूनी तरीके से अनधिकृत एजेंट्स को घरेलू गैस दे देते हैं.
गैस की रीफिलिंग भी कर देते हैं कालाबाजारी करने वाले लोग
इसके बाद अनधिकृत एजेंट्स घरेलू सिलेंडर को कॉमर्शियल सिलेंडर में रीफिल करते हैं और सीधे रेस्टोरेंट्स, ढाबा, चाय स्टॉल आदि को सप्लाई कर देते हैं. ये लोग 900 रुपये का सिलेंडर 1,100-1,200 रुपये में खरीदते हैं और इसे 1,300 रुपये से 1,550 रुपये के बीच में बेच देते हैं. दुकानदारों को 1550 रुपये में भी सिलेंडर सस्ता पड़ता है, क्योंकि अगर वे कंपनी से खरीदेंगे, तो उसके लिए उन्हें 1907 रुपये का भुगतान करना होगा.
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1500 रुपये में मिल जाये सिलेंडर, तो कौन खर्च करे 1907 रुपये?
इस धंधे में शामिल लोग काफी पैसा कमा रहे हैं. इस उद्योग से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा है कि अगर आपको 19 किलो का सिलेंडर 1300 से 1550 रुपये में मिल जाता है, तो कोई भी व्यक्ति 1907 रुपये में कॉमर्शियल सिलेंडर क्यों खरीदने जायेगा. एलपीजी इंडस्ट्रीसे जुड़े लोग बताते हैं कि इस तरह से घरेलू गैस के वाणिज्यिक इस्तेमाल की वजह से गांवों में रहने वाले उपभोक्ता की सप्लाई प्रभावित हो रही है.
गैस एजेंसी करता था सिलेंडर की कालाबाजारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने ही सप्लाई डिपार्टमेंट ऑफ कछार ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर एक गैस एजेंसी के गोदाम में रेड मारी थी. वहां से कम से कम एक हजार घरेलू गैस सिलेंडर बरामद किये गये. जांच के दौरान पता चला कि एजेंसी ने गैरकानूनी तरीके से सिलेंडर की बिक्री की और एलपीजी सिलेंडर की कालाबाजारी करके पैसे कमाये.
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हरियाणा के राईस मिल में मिले 1400 सिलेंडर
हरियाणा के यमुनानगर में भी ऐसी ही एक कार्रवाई हुई. मुख्यमंत्री फ्लाइंग स्क्वायड ने यमुनानगर जिला के बिलासपुर ब्लॉक स्थित एक राईस मिल में छापामारी की. वहां से 1,400 वाणिज्यिक सिलेंडर बरामद हुए. बताया गया है कि ये सिलेंडर गैरकानूनीतरी के से जमा किये गये थे. ये सिलेंडर एक गैस एजेंसी के थे, लेकिन इस राईस मिल में उसे रखने की अनुमति उसके पास नहीं थी.
डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ होती है कार्रवाई- HPCL
एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) के चेयरमैन एमके सुराना ने इस संबंध में बताया है कि गैस की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक मेकेनिज्म बनाया गया है. अगर यह पता चलता है कि कंपनी की कोई गैस एजेंसी ऐसी गतिविधि यानी सिलेंडर की कालाबाजारी में लिप्त है, तो डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ एक्शन लिया जाता है.
Posted By: Mithilesh Jha
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