LPG सिलेंडर की लगातार बढ़ती कीमतों के बावजूद क्या लोगों ने कम कर दी खपत, हकीकत थोड़ी जुदा है, जानें FACT REPORT

सरकार ने इन आंकड़ों को संसद में रखा था अब तेल कंपनियों ने एक आंकड़ा सामने रखा है. सरकारी तेल कंपनियों के मुताबिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 7.3परसेंट बढ़ गयी है. ग्रामीण इलाकों में इसकी खपत 20 फीसद तक बढ़ी है. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी इसमें अधिक हैं. इस खपत के बढ़ने का कारण प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) है.

By PankajKumar Pathak | March 12, 2021 4:26 PM

एलपीजी ( रसोई गैस ) गैस की कीमत में हो रही बढोतरी के बाद क्या इसकी खपत कम हुई है ? इस सवाल का सीधा जवाब है बिल्कुल नहीं इसकी खपत बढ़ी है. साल 2014 के मार्च महीने में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 410.5 रुपये थी. मार्च 2021 में इसकी कीमत दोगुनी हो गयी है. मार्च 2021 में इसकी कीमत 819 रुपये हो गयी है.

सरकारी तेल कंपनियों ने दी जानकारी 

सरकार ने इन आंकड़ों को संसद में रखा था अब तेल कंपनियों ने एक आंकड़ा सामने रखा है. सरकारी तेल कंपनियों के मुताबिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 7.3परसेंट बढ़ गयी है. ग्रामीण इलाकों में इसकी खपत 20 फीसद तक बढ़ी है. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी इसमें अधिक हैं. इस खपत के बढ़ने का कारण प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) है.

कितनी बढ़ ही कीमत 

अगर एलपीजी गैस सिलेंडर की बढ़ी हुई कीमतों पर नजर डालें तो दिसंबर 2020 से लेकर फरवरी 2021 के दौरान रसोई गैस की कीमत 175 रुपये बढ़ी है. इस बढ़त के दौरान अगर एलपीजी गैस सिलेंडर की खपत का आंकलन करें तो पायेंगे प्रधानमंत्री उज्ज्जवला योजना के लाभार्थियों में 19.5 परसेंट तक बढ़ गयी है. इस योजना के दायरे में 8 करोड़ परिवार आते हैं. इन्हें 2016 से फ्री गैस कनेक्शन दिया जा रहा है

क्या है गैस सिलेंडर की खपत बढ़ने  का करण 

कई खबरें ऐसी भी सामने आयी जिसमें इस योजना के कई लाभार्थियों ने कीमत बढ़ने के बाद गैस सिलेंडर खरीदना बंद कर दिया था. सरकार ने भी यह माना है कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद रसोई गैस की कीमत दोगुनी हुई है साथ ही वह गांव तक उज्ज्वला योजना पहुंचाने और आम लोगों तक भी गैस पहुंचाने को भी बड़ा कारण बताते रहे हैं. इस बढोतरी का एक बड़ा कारण कोरोना संक्रमण के दौरान उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को फ्री में सिलेंडर बांटे गये थे. रसोई गैस सिलेंडर की मांग दिसंबर- फरवरी में भी अच्छी थी. ये 7.3 परसेंट सालाना की रफ्तार बढ़ी है.

पिछले तीन महीनों में क्या रही एलपीजी की कीमत 

पिछले तीन महीनों में उज्ज्वला योजना के माध्यम से 10.1 लाख टन एलपीजी की खपत की है. यह खपत 8.45 लाख टन थी. तेल कंपनियों का कहना है कि अगर साल दर साल के हिसाब से यह आंकड़ा देखें तो रसोई गैस सिलेंडर की खपत में 10.3 परसेंट की ग्रोथ दिख रही है. लाभार्थियों को तीन सिलेंडर बांटे गये थे इसकी कुल कीमत 9670 करोड़ रुपये थी. फ्री में मिले सिलेंडर और लोगों को दी गयी राहत को भी इस बढ़ी खपत से जोड़कर देखा जा रहा है.

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