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LPG Price: रसोई गैस की कीमतों में तेल कंपनियों ने की बंपर कटौती, जानें अपने शहर का रेट

जुलाई के महीने में तेल कंपनियों के द्वारा रसोई गैस की कीमतों में सात रुपये की वृद्धि की गयी थी. जिसके बाद इसकी कीमत दिल्ली में 1780 रुपये तक पहुंच गयी थी.हालांकि, तेल कंपनियों के द्वारा घरेलू गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

LPG Price: तेल कंपनियों के द्वारा महीने की एक तारीख से लेकर 16 तारीख तक रसोई गैस की कीमतों में बदलाव किया जाता है. अगस्त का पहला दिन लोगों के लिए राहत भरी खबर लेकर आया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और गैस की कीमतों में उठा पटक के बीच घरेलू तेल कंपनियों ने भारत में 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 99.75 रुपये की कटौती की गई है. अब दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1680 रुपये हो गयी है. इससे पहले जुलाई के महीने में तेल कंपनियों के द्वारा रसोई गैस की कीमतों में सात रुपये की वृद्धि की गयी थी. जिसके बाद इसकी कीमत दिल्ली में 1780 रुपये तक पहुंच गयी थी.हालांकि, तेल कंपनियों के द्वारा घरेलू गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

1802.50 रुपये होगी कोलकाता में कीमत

तेल कंपनियों के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव के बाद अब कोलकाता में कमर्शियल रसोई गैस सिलेंडर के दाम 1895.50 से घटकर 1802.50 रुपये हो गए. जबकि, गैस की कीमत मुंबई में 1733.50 रुपये से कम होकर 1640 रुपये हो गए है. चेन्नई में 19 किलो वाले कमर्शियल रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1945.00 रुपये से घटकर 1852.50 रुपये हो गई. बता दें कि देश की सभी गैस कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को 14 किलो वाले घरेलू और 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडरों के दाम तय करती हैं.

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घरेलू रसोई गैस की कीमतों में मार्च से नहीं हुआ बदलाव

एक तरफ जहां हर महीने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में बदलाव हो रहा है. वहीं, 14.2 किमी वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में लंबे समय से स्थिर हैं. पिछली बार मार्च 2023 में 50 रुपये की बढ़ोत्तरी की गयी थी. इसके बाद से दाम स्थिर हैं. वहीं, सरकार के द्वारा साफ कर दिया गया है कि रसोई गैस पर सब्सिडी का लाभ सिर्फ उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को ही दिया जाएगा. अन्य ग्राहकों को रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी.

कैसे नियंत्रित होती है एलपीजी की कीमतें

एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है. यह विनियमन यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि एलपीजी उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर उपलब्ध हो और घरेलू उपभोक्ताओं पर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम किया जा सके. प्रशासित मूल्य निर्धारण तंत्र के तहत, सरकार घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत निर्धारित करती है. इस मूल्य निर्धारण तंत्र का उपयोग सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों के लिए किया जाता है, जो पात्र परिवारों को बाजार दर से कम कीमत पर प्रदान किए जाते हैं. सब्सिडी की राशि सरकार द्वारा वहन की जाती है. गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के लिए, कीमतें बाजार की ताकतों द्वारा निर्धारित की जाती हैं. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) जैसी तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की खुदरा बिक्री मूल्य निर्धारित करने के लिए बाजार मूल्य निर्धारण तंत्र का पालन करती हैं. ये कीमतें अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और मुद्रा विनिमय दरों जैसे कारकों के आधार पर परिवर्तन के अधीन हैं.

डीबीटी से मिलता है सब्सिडी का पैसा

रसोई गैस पर मिलने वाले सब्सिडी को अधिक प्रभावी ढंग से लक्षित करने और सरकार पर राजकोषीय बोझ को कम करने के लिए, एलपीजी सब्सिडी के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का उपयोग किया जाता है. डीबीटी योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को सब्सिडी राशि सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त होती है. गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतें वैश्विक एलपीजी कीमतों और अन्य आर्थिक कारकों में बदलाव के आधार पर ओएमसी द्वारा समय-समय पर संशोधित की जाती हैं. ये संशोधन आमतौर पर मासिक आधार पर होते हैं. असाधारण स्थितियों में, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि, सरकार हस्तक्षेप कर सकती है और उपभोक्ताओं को अचानक मूल्य वृद्धि से बचाने के लिए अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान कर सकती है या एलपीजी की कीमतों को नियंत्रित कर सकती है.

अलग-अलग लगता है राज्यों में टैक्स

एलपीजी सिलेंडर की अंतिम खुदरा कीमत निर्धारित करने में राज्य और केंद्रीय कर भी भूमिका निभाते हैं. एलपीजी पर लगने वाले टैक्स की राशि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत सरकार ने राजकोष पर राजकोषीय बोझ को कम करते हुए कुशल और लक्षित वितरण सुनिश्चित करने के लिए एलपीजी मूल्य निर्धारण और सब्सिडी प्रणालियों में सुधार के लिए समय-समय पर विभिन्न नीतिगत उपाय किए हैं. विशिष्ट नियम और तंत्र सरकारी नीतियों और मौजूदा आर्थिक स्थितियों के आधार पर परिवर्तन के अधीन हो सकते हैं.

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