महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना में निवेश करना चाहिए? जानिए कितना करना होगा पेमेंट
Mahila Samman Savings Certificate: महिला सम्मान बचत पत्र स्कीम को 1 अप्रैल से चालू कर दिया गया है. इस स्कीम में किसी भी उम्र की महिलाएं 2 लाख रुपये तक की राशि का निवेश कर सकती हैं.
Mahila Samman Savings Certificate: बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने महिला सम्मान बचत पत्र स्कीम के बारे में बताया था. वित्त मंत्री के ऐलान के बाद इस स्कीम को 1 अप्रैल से चालू कर दिया गया है. इस स्कीम में किसी भी उम्र की महिलाएं 2 लाख रुपये तक की राशि का निवेश कर सकती हैं. इस स्कीम को फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम की तरह बनाया गया है. अगर कोई महिला इस स्कीम का लाभ उठाना चाहती है तो वह 31 मार्च 2025 तक इस योजना के तहत पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक में खाता खुलवा सकती है.
महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना क्या है?
महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र स्कीम महिलाओं के लिए शुरू की गई एक छोटी बचत योजना है. इस स्कीम के तहत कोई भी महिला या बच्ची 2 लाख रुपये तक की राशि जमा कर सकती है. इस स्कीम के तहत निवेशकों को 7.5 फीसदी ब्याज दर का लाभ मिलता है. इसमें 1000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है. इस स्कीम के तहत सरकार ब्याज हर तिमाही में खाते में जमा करेगी. अगर आप अप्रैल 2023 में खाता खुलवाते हैं तो इस स्कीम की मैच्योरिटी अप्रैल 2025 में होगी. खास बात यह है कि इस स्कीम के तहत जमा राशि में से आप 1 साल के बाद आंशिक निकासी कर सकते हैं.
एमएसएससी खाता खोलने के लिए करें ये काम
निवेश की शुरुआत करने के लिए आप अपने पास के पोस्ट ऑफिस या बैंक ब्रांच में जा सकते हैं, जहां आप अपना एमएसएससी खाता खोल सकते हैं. अपना अकाउंट खोलने के लिए बैंक जाते समय, अपने साथ केवाईसी दस्तावेज जैसे अपना पैन, आधार, वोटर आईडी और ड्राईविंग साथ ले जाना न भूलें.
जानिए किन परिस्थितियों में समय से पहले बंद किया जा सकता है खाता?
महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र अकाउंट को खोलने से 6 महीने के बाद बिना कोई कारण बताए समय से पहले बंद किया जा सकता है. लेकिन, इस मामले में आपके निवेश पर कम ब्याज यानि रेगुलर 7.5 फीसदी की बजाए केवल 5.5 फीसदी ब्याज ही दिया जाएगा. यदि अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो भी अकाउंट को समय से पहले बंद किया जा सकता है. इसके अलावा, निम्नलिखित कम्पैशनेट ग्राउंड पर भी अकाउंट को बंद करने की अनुमति दी जाएगी.
– यदि अकाउंट होल्डर को जानलेवा बीमारी हो जाती है.
– यदि अवयस्क के गार्जियन की मृत्यु हो जाती है, बेनेफिशियरी मूल जमा राशि पर जुड़ चुके ब्याज का हकदार होगा. इस मामले में, गार्जियन की मृत्यु से जुड़े कागजात दिखाने होंगे.
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